Move to Jagran APP

Vishwabharati University Kolkata: विश्वभारती विश्वविद्यालय में बाड़ लगाने का काम शुरू

विश्वविद्यालय की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई ‘कर्म समिति’ के एक सदस्य ने बताया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने इस संबंध में विश्वविद्यालय को मंजूरी प्रदान की जिसके बाद बाड़ लगाने का काम शुरू हो गया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 08:11 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 12:56 PM (IST)
Vishwabharati University Kolkata: विश्वभारती विश्वविद्यालय में बाड़ लगाने का काम शुरू
शांतिनिकेतन के पौष मेला मैदान में विश्वभारती विश्वविद्यालय

कोलकाता , राज्य ब्यूरो। शांतिनिकेतन के पौष मेला मैदान के चारों ओर बाड़ लगाने के काम को लेकर प्रदर्शनों और तोड़फोड़ के करीब एक महीने बाद विश्वभारती विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि इस पर काम शुरू हो गया है।

loksabha election banner

विश्वविद्यालय की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई ‘कर्म समिति’ के एक सदस्य ने बताया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने इस संबंध में विश्वविद्यालय को मंजूरी प्रदान की जिसके बाद बाड़ लगाने का काम शुरू हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘हम करीब तीन फुट ऊंची चाहरदीवारी खड़ी कर रहे हैं जिस पर कंटीले तार की बाड़ लगाई जाएगी। अदालत की समिति ने इसके लिए स्वीकृति दी।’’ सदस्य ने कहा, ‘‘कई द्वार होंगे और हर समय निगरानी होगी। पौष मेला मैदान की बाड़बंदी कर अतिक्रमण रोकने की जरूरत है।’’

बंगाल के जंगलमहल क्षेत्र में हाथी गलियारों के पास अवरोधक बनाएगा वन विभाग

बंगाल के वन विभाग की योजना है कि पश्चिम मिदनापुर, झाड़ग्राम और पुरुलिया जिलों के जंगलमहल क्षेत्र में हाथी गलियारों के पास अवरोधक स्थापित किए जाएं। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। राज्य के ये तीनों जिले झारखंड और ओडिशा के जंगलों से लगे हैं जहां से हाथियों के झुंड भोजन की तलाश में आते हैं।

एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने बताया, "हमने जंगलमहल क्षेत्र में पश्चिम बंगाल वाले हिस्से में ओडिशा और झारखंड से सटे हाथी गलियारे में अवरोधक लगाने की योजना बनाई है।” पिछले चार-पांच महीनों में, सालबोनी, गोलटोर और लालगढ़ की मानव बस्तियों में हाथियों के घुसने की कम से कम 12 घटनाएं हुईं हैं। अधिकारी ने बताया कि अवरोधक के लिए तार की बाड़ और पुरानी रेल पटरियों का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा,“किसी भी वन्यजीव को कोई हानि ना हो, इसके लिए पूरी सावधानी बरती जाएगी।” वर्तमान में, राज्य के जंगलमहल क्षेत्र में 200 से अधिक हाथी हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.