Hypothyroidism problem: पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में तेजी से बढ़ रही हाइपोथाइरॉएडिज्म की समस्या
hypothyroidism problem महानगरों में हाइपोथाइरॉएडिज्म की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खासकर हाइपरथायरॉइडिज्म की समस्या पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को होती है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। महानगरों में हाइपोथाइरॉएडिज्म की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खासकर हाइपरथायरॉइडिज्म की समस्या पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को होती है। यह बात साल्टलेक स्थित कोलंबिया एशिया अस्पताल की एंडोक्रिनोलोजिस्ट डॉ सागरिका मुखोपाध्याय ने कही है। वह महानगर में ‘लोगों में बढ़ती हाइपोथाइरॉएडिज्म की समस्या’ पर आयोजित परिचर्चा में बोल रही थीं।
उन्होंने कहा कि आज के समय में थायराइड बहुत आम सी समस्या बनती जा रही है। इससे ग्रस्त लोगों को संख्या रोज़ाना बढ़ती जा रही है। ये एक गंभीर बीमारी है, जो धीरे-धीरे पीड़ित को ग्रस्त कर देती है। थायरॉइड में बीमारी के कारण कई बार ये ग्रंथियां ज्यादा हार्मोन्स रिलीज करने लगती है और कई बार जरूरत से कम।
इसमें हाइपरथायरॉइडिज्म एक ऐसी समस्या है, जिसमें मरीज की थायरॉइड ग्रंथियां सामान्य से ज्यादा थायरॉक्सिन हार्मोंस बनाने लगती हैं, जिससे मरीज को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के लक्षण शुरुआत में ही समझ लिये जाएं तो समय रहते इसका उपचार किया जा सकता है। इसके ज्यादा बढ़ जाने पर व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट, एरिथमिया (हार्टबीट असामान्य होना), ऑस्टियोपोरोसिस, कार्डियक डायलेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इसके अलावा गर्भावस्था में ऐसा होने पर गर्भपात, समयपूर्व प्रसव, प्रीक्लैम्पिसिया (गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर बढ़ना), गर्भ का विकास ठीक से न होना जैसे लक्षण हो सकते हैं। डा मुखोपाध्याय ने कहा कि थायराइड होने के लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं।
अगर आपको लगता है कि आपको हाइपरथायराइडिज्म की समस्या है तो डॉक्टर से संपर्क करें और जांच करवाएं। याद रहें इलाज के बावजूद समय-समय पर थायराइड की जांच करवाते रहना चाहिए। इस बीमारी की मुख्य वजह ग्रेव्स रोग है, इसमें शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बिगड़ती है, जिसकी वजह से थायराइड हार्मोन का निर्माण बढ़ जाता है।