रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित बंगाल के बहुचर्चित गीतों को आवाज देने वाले मशहूर गायक गोरा सर्वाधिकारी का निधन
बंगाली कामिक्स के इलस्ट्रेटर और ‘हांडा भोंडा’ ‘बातूल द ग्रेट’ तथा ‘नोनते फोनते’ के रचयिता देवनाथ को 2013 में पश्चिम बंगाल सरकार के सर्वोच्च सम्मान बंग भूषण से भी सम्मानित किया गया था। देवनाथ पिछले दिनों पद्मश्री पुरस्कार लेने भी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन नहीं जा सके थे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित बंगाल के बहुचर्चित गीतों को अपनी आवाज देने वाले मशहूर गायक गोरा सर्वाधिकारी का निधन हो गया है। उनकी उम्र 80 साल थी। 29 जुलाई 1941 को जन्मे गोरा बीरभूम जिले के बोलपुर में ही रहते थे। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय के संगीत भवन में पहले संगीत के छात्र थे और बाद में वहां शिक्षक के तौर पर सेवा दे रहे थे। लंबे समय से वह उम्र जनित कई बीमारियों से पीड़ित थे। उन्होंने अपने घर पर ही आखरी सांस ली है। वह आकाशवाणी कोलकाता से भी जुड़े हुए थे।
विश्व भारती विश्वविद्यालय से जुड़े संगीत के एक और शिक्षक दुर्गाचरण मजूमदार ने गुरुवार को कहा कि गोरा सर्वाधिकारी पूरी तरह से संगीत को समर्पित थे और संगीत ही उनके लिए सब कुछ था। उनका जाना रवींद्र संगीत की जगत में एक बड़ी क्षति है। बताते चलें पिछले दिनों पद्मश्री से सम्मानित वयोवृद्ध कार्टूनिस्ट नारायण देवनाथ निधन हो गया। कोलकाता के बेल्व्यू अस्पताल में सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 97 वर्ष के थे। दरअसल देवनाथ की कामिक्स स्ट्रिप्स को बंगाल में बच्चों के बीच एक पंथ का दर्जा प्राप्त है।
बंगाली कामिक्स के इलस्ट्रेटर और ‘हांडा भोंडा’, ‘बातूल द ग्रेट’ तथा ‘नोनते फोनते’ के रचयिता देवनाथ को 2013 में पश्चिम बंगाल सरकार के सर्वोच्च सम्मान बंग भूषण से भी सम्मानित किया गया था। शारीरिक अस्वस्थता के कारण देवनाथ पिछले दिनों पद्मश्री पुरस्कार लेने भी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन नहीं जा सके थे। इसके बाद बीते 13 जनवरी को ही बंगाल सरकार में मंत्री अरूप राय और राज्य के गृह सचिव बीपी गोपालिका ने अस्पताल जाकर उन्हें पद्मश्री पुरस्कार भेंट कर सम्मानित किया था।