प्रख्यात साहित्यकार मणिशंकर मुखर्जी बने कोलकाता के नए शेरिफ
बांग्ला के प्रख्यात साहित्यकार मणिशंकर मुखर्जी को कोलकाता का नया शेरिफ नियुक्त किया गया है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता । बांग्ला के प्रख्यात साहित्यकार मणिशंकर मुखर्जी को कोलकाता का नया शेरिफ नियुक्त किया गया है। मुखर्जी, जो 'शंकर' के नाम से भी मशहूर हैं, ने कलकत्ता हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अंतिम ब्रिटिश बैरिस्टर नोएल फ्रेडेरिक बारवेल के क्लर्क के रूप में अपने कार्य जीवन की शुरुआत की थी।
1953 में बारवेल की मृत्यु के बाद मणिशंकर की पहली पुस्तक 'काटा अजानरे' प्रकाशित हुई थी। इस रचना से उन्हें बांग्ला साहित्य में पहचान मिली। चौरंगी, जाना अरण्य, कंपनी लिमिटेड, ठाकरे मेंशन और द मोंक एज मैन शंकर के उल्लेखनीय रचनाओं में शामिल हैं।
1933 में बनगांव में जन्मे शंकर के पिता अधिवक्ता थे। वे 1937 में कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) आए थे और हावड़ा में बस गये थे। गौरतलब है कि शेरिफ कलकत्ता हाईकोर्ट के अधीन एक सम्मानित पद है। शेरिफ की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है। जेम्स मैक रेबी को 1775 में कलकत्ता का पहला शेरिफ नियुक्त किया गया था। यह 18वीं शताब्दी के बाद से देश के सबसे पुराने पदों में से एक है।