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कोरोना के चलते मायापुर में भी नहीं निकलेगी सुप्रसिद्ध इस्कॉन रथयात्रा, दो लाख लोग होते थे शामिल

कोरोना महामारी के चलते इस्कॉन प्रबंधन ने मायापुर में भी रथयात्रा नहीं निकालने का निर्णय लिया है। सिर्फ रस्म अदायगी के लिए मंदिर में ही कुछ लोगों की मौजूदगी में रथयात्रा निकाली जाएग

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 07:29 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 07:48 PM (IST)
कोरोना के चलते मायापुर में भी नहीं निकलेगी सुप्रसिद्ध इस्कॉन रथयात्रा, दो लाख लोग होते थे शामिल
कोरोना के चलते मायापुर में भी नहीं निकलेगी सुप्रसिद्ध इस्कॉन रथयात्रा, दो लाख लोग होते थे शामिल

जयकृष्ण वाजपेयी, कोलकाताः बंगाल के नदिया जिले के मायापुर में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन)का मुख्यालय है। यहां हर साल बड़े ही धूम-धाम से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पिछले तीस वर्षों से निकलती आ रही है। यहां की रथयात्रा भी सिर्फ देश ही नहीं विदेशों तक में सुप्रसिद्ध है। परंतु, इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते इस्कॉन प्रबंधन ने मायापुर में भी रथयात्रा नहीं निकालने का निर्णय लिया है। सिर्फ रस्म अदायगी के लिए इस्कॉन मंदिर परिसर में ही कुछ लोगों की मौजूदगी में रथयात्रा निकाली जाएगी। इस आयोजन में बाहरी लोगों को शामिल होने की अनुूमति नहीं होगी। हालांकि, भक्तों के लिए इस रस्म अदायगी वाली रथयात्रा का ऑनलाइन प्रसारण किया जाएगा। 

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मंदिर परिसर में निकलेगी संक्षिप्त यात्रा

इस्कॉन मायापुर के मीडिया प्रभारी सुब्रत दास ने गुरुवार को दैनिक जागरण को बताया कि हर वर्ष इस्कॉन की ओर से आयोजित रथयात्रा में डेढ़ से दो लाख लोग मौजूद होते थे। करीब छह किलोमीटर लंबी यात्रा निकलती थी। परंतु, इस बार स्थिति विषम है। इसीलिए हमलोगों ने सिर्फ रस्मी तौर मंदिर प्रांगण में ही यात्रा निकालने का निर्णय लिया है। इसके लिए परिसर में ही अस्थाई तौर पर गुंडीचा मंदिर बनाया जा रहा है। जहां यात्रा के बाद भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ सात दिनों तक रहेंगे।

उन्होंने कहा कि रथयात्रा निकालने से संक्रमण का खतरा होगा। क्योंकि लोग भारी संख्या में शामिल होते रहे हैं। इस वर्ष भगवान जगन्नाथ का यह उत्सव 23 जून को है। दास ने बताया कि भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा के दौरान भी मंदिर परिसर में कुछ ही लोग मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इस समय भगवान जगन्नाथ मंदिर में बंद है। क्योंकि, मान्यता है कि स्नान यात्रा के बाद भगवान जगन्नाथ को सर्दी व बुखार हो जाता है। इसीलिए वे १५ दिनों तक बंद रहते हैं। अब रथयात्रा के दिन ही वे बाहर निकलेंगे।

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कोलकाता में भी इस्कॉन ने स्थगित कर दी है यात्रा

बताते चलें कि इस से पहले कोलकाता में निकलने वाली रथयात्रा को इस्कॉन प्रबंध ने स्थगित करने की घोषणा की थी। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमन दास ने कहा था कि कोरोना महामारी के कारण इस बार कोलकाता में जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकलेगी। सिर्फ मंदिर प्रांगण में ही कुछ लोगों की मौजूदगी में रस्मी रथ यात्रा निकाली जाएगी।


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