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आइसीपी पेट्रापोल पर औचक जांच में 82 ट्रक ड्राइवरों के पास से मिले फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस

बड़ी कार्रवाई-इतनी बड़ी संख्या में फर्जी लाइसेंस की जब्ती से आइसीपी-पेट्रापोल में व्यापार में भी व्यवधान। बीएसएफ की कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन पर उतरे ड्राइवर दो दिनों से निर्यात ठप। इससे राजस्व को नुकसान हो रहा है। जिनके पास से ये फर्जी लाइसेंस मिले हैं वे सभी भारतीय हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 10:32 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 10:32 PM (IST)
आइसीपी पेट्रापोल पर औचक जांच में 82 ट्रक ड्राइवरों के पास से मिले फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस
बीएसएफ का कहना है कि इन अवैध कृत्यों से राष्ट्र की सुरक्षा के साथ भी समझौता हो सकता है।

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित एशिया के सबसे बड़े इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट (आइसीपी) पेट्रापोल के जरिए हाल के दिनों में तस्करी गतिविधियों में वृद्धि के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बड़ी कार्रवाई की है। निर्यात और आयात के मालों की आवाजाही की आड़ में विभिन्न सामानों की तस्करी में शामिल ट्रक ड्राइवरों के काले कारनामे को उजागर करते हुए बीएसएफ ने यहां औचक जांच में बीते दो दिनों के दौरान 82 ड्राइवरों के पास से फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस जब्त किए हैं। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। बीएसएफ का कहना है कि इन अवैध कृत्यों से राष्ट्र की सुरक्षा के साथ भी समझौता हो सकता है।

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दूसरे दिन यहां से निर्यात पूरी तरह ठप रहा इससे राजस्व को नुकसान हो रहा है

वहीं, बीएसएफ की इस कार्रवाई के विरोध में यहां इस कार्य से जुड़े निजी परिवहन कर्मी, ड्राइवर, ट्रांसपोर्टर आदि विरोध में उतर आए हैं और उन्होंने काम ठप कर दिया है। इससे आइसीपी पेट्रापोल के जरिए आयात- निर्यात व्यापार में भी व्यवधान उत्पन्न हो गया है। मंगलवार लगातार दूसरे दिन यहां से निर्यात पूरी तरह ठप रहा इससे राजस्व को भी भारी नुकसान हो रहा है।

अधिकारी ने बताया कि जिनके पास से ये फर्जी लाइसेंस मिले हैं वे सभी भारतीय हैं

इधर, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर बीएसएफ के डीआइजी व प्रवक्ता सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि कुछ दिनों से, ऐसे विश्वस्त इनपुट थे कि कुछ ड्राइवर जोकि भारत और बांग्लादेश के बीच आयात- निर्यात के माल को लेकर आवाजाही करते हैं, वो इसकी आड़ में सोने, चांदी, प्रतिबंधित फेंसिडिल कफ सिरप, ड्रग्स आदि की तस्करी जैसे सीमा पार अपराधों में शामिल हैं। बीएसएफ ने सीमा शुल्क विभाग (कस्टम) को जब्त किए गए कुल 82 फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस सौंपे हैं। अधिकारी ने बताया कि जिनके पास से ये फर्जी लाइसेंस मिले हैं वे सभी भारतीय हैं और बंगाल के पते पर ही यह फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया गया है।

फर्जी लाइसेंस वाले ड्राइवर को बांग्लादेश जाने की अनुमति नहीं : बीएसएफ

वहीं, बीएसएफ ने साफ शब्दों में कहा कि जिनके पास से फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस मिले हैं उन ड्राइवरों को किसी भी कीमत पर बांग्लादेश जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।क्योंकि ऐसे ड्राइवर ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर सीमा शुल्क विभाग से नकली कार पास प्राप्त करते हैं, जिस पर बीएसएफ ट्रकों को बांग्लादेश के अंदर जाने की अनुमति देता है।भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार को सुचारू रूप से चलाने के लिए, बीएसएफ ने बनगांव ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन को स्थायी संचालन प्रक्रिया का पालन करने के लिए सूचित किया है ताकि राष्ट्रों की सुरक्षा और हितों से समझौता न हो।

फर्जी लाइसेंस बनवाने के पीछे यह है वजह

- वहीं, फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के पीछे वजह के बारे में पूछे जाने पर बीएसएफ डीआइजी ने बताया कि इसकी कई वजह हो सकती है। एक प्रमुख कारण हेवी वाहन व अंतरराष्ट्रीय मानक का लाइसेंस बनवाना यहां इतना आसान नहीं है। इसके लिए ड्राइविंग टेस्ट पास करना मुश्किल होता है। दूसरा बनाने वाला पैसा भी ज्यादा लेता है। कड़े मानक की वजह से ये लोग फर्जी लाइसेंस बनवाते हैं। इसके पीछे और भी कई कारण है। ट्रांसपोर्टर का भी खेल होता है और और उन्हें फर्जी लाइसेंस वाले ड्राइवर को कम पैसा देना पड़ता है।


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