fake vaccine camp: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बंगाल के फर्जी टीकाकरण का मामला, वकील ने दाखिल की स्पेशल लीव पिटीशन
कोलकाता का फर्जी टीकाकरण मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में अजीत मिश्रा नाम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल की है। दरअसल कलकत्ता उच्च न्यायालय ने फर्जी टीकाकरण मामले में निर्देश दिया था कि फिलहाल इसकी सीबीआइ जांच की कोई आवश्यकता नहीं है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोलकाता का फर्जी टीकाकरण मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में अजीत मिश्रा नाम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल की है। दरअसल कलकत्ता उच्च न्यायालय ने फर्जी टीकाकरण मामले में निर्देश दिया था कि फिलहाल इसकी सीबीआइ जांच की कोई आवश्यकता नहीं है। अजीत मिश्रा ने उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। मालूम हो कि देबांजन देब नाम के एक फर्जी आइएएस ऑफिसर ने कोलकाता में दो जगहों पर फर्जी टीकाकरण कैंप लगाया था। फिलहाल वह पुलिस की गिरफ्त में है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति इंद्रप्रसन्न मुखर्जी की पीठ से आदेश को रद करने की अपील करते हुए वकील ने कहा कि कोलकाता पुलिस घटना की उचित जांच नहीं कर रही है। जांचकर्ताओं को कैसे पता चला कि बिना किसी फोरेंसिक जांच के टीके नकली थे? इस घटना में कोलकाता पुलिस शामिल हो सकती है। इसलिए उस पर भरोसा नहीं कर उचित जांच के लिए मामले को सीबीआइ को सौंपना आवश्यक है। माना जा रहा है कि इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते हो सकती है।
गौरतलब है कि फर्जी टीकाकरण की घटना के बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। मामले की पूरी जांच की मांग करते हुए सीबीआइ को केस सौंपने को कहा गया। वकील बिकासरंजन भट्टाचार्य ने न्यायमूर्ति इंद्रप्रसन्न मजूमदार की खंडपीठ को बताया कि नकली टीकाकरण एक बड़ी साजिश थी। इस घटना से जनहित जुड़ा हुआ है। इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच की जरूरत है।
हालांकि राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि मामले की जांच आगे बढ़ गई है। पुलिस एसआइटी गठित कर जांच कर रही है। राज्य को जांच जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए। ट्रिब्यूनल ने आवेदन स्वीकार कर लिया और सीबीआइ जांच की याचिका खारिज कर दी।