Move to Jagran APP

fake vaccine camp: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बंगाल के फर्जी टीकाकरण का मामला, वकील ने दाखिल की स्पेशल लीव पिटीशन

कोलकाता का फर्जी टीकाकरण मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में अजीत मिश्रा नाम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल की है। दरअसल कलकत्ता उच्च न्यायालय ने फर्जी टीकाकरण मामले में निर्देश दिया था कि फिलहाल इसकी सीबीआइ जांच की कोई आवश्यकता नहीं है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 08:21 PM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 08:21 PM (IST)
fake vaccine camp: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बंगाल के फर्जी टीकाकरण का मामला, वकील ने दाखिल की स्पेशल लीव पिटीशन
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की स्पेशल लीव पिटीशन।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोलकाता का फर्जी टीकाकरण मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में अजीत मिश्रा नाम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल की है। दरअसल कलकत्ता उच्च न्यायालय ने फर्जी टीकाकरण मामले में निर्देश दिया था कि फिलहाल इसकी सीबीआइ जांच की कोई आवश्यकता नहीं है। अजीत मिश्रा ने उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। मालूम हो कि देबांजन देब नाम के एक फर्जी आइएएस ऑफिसर ने कोलकाता में दो जगहों पर फर्जी टीकाकरण कैंप लगाया था। फिलहाल वह पुलिस की गिरफ्त में है।

loksabha election banner

कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति इंद्रप्रसन्न मुखर्जी की पीठ से आदेश को रद करने की अपील करते हुए वकील ने कहा कि कोलकाता पुलिस घटना की उचित जांच नहीं कर रही है। जांचकर्ताओं को कैसे पता चला कि बिना किसी फोरेंसिक जांच के टीके नकली थे? इस घटना में कोलकाता पुलिस शामिल हो सकती है। इसलिए उस पर भरोसा नहीं कर उचित जांच के लिए मामले को सीबीआइ को सौंपना आवश्यक है। माना जा रहा है कि इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते हो सकती है।

गौरतलब है कि फर्जी टीकाकरण की घटना के बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। मामले की पूरी जांच की मांग करते हुए सीबीआइ को केस सौंपने को कहा गया। वकील बिकासरंजन भट्टाचार्य ने न्यायमूर्ति इंद्रप्रसन्न मजूमदार की खंडपीठ को बताया कि नकली टीकाकरण एक बड़ी साजिश थी। इस घटना से जनहित जुड़ा हुआ है। इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच की जरूरत है।

हालांकि राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि मामले की जांच आगे बढ़ गई है। पुलिस एसआइटी गठित कर जांच कर रही है। राज्य को जांच जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए। ट्रिब्यूनल ने आवेदन स्वीकार कर लिया और सीबीआइ जांच की याचिका खारिज कर दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.