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Exclusive Interview: बंगाल में पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतेगी कांग्रेस: अब्दुल मन्नान

आइएसएफ प्रमुख अब्बास सिद्दीकी व बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी में चल रही तकरार बंगाल में कोरोना को लेकर हो रही सियासत समेत विभिन्न मसलों पर वरिष्ठ संवाददाता विशाल श्रेष्ठ से खुलकर बातचीत की। पेश है उसके प्रमुख अंश

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sun, 25 Apr 2021 11:25 AM (IST)Updated: Sun, 25 Apr 2021 11:41 AM (IST)
Exclusive Interview: बंगाल में पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतेगी कांग्रेस: अब्दुल मन्नान
अब्दुल मन्नान का यह भी दावा है कि कांग्रेस पिछली बार की तुलना में ज्यादा सीटें जीतेगी।

कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। बंगाल विधानसभा में विरोधी दल के नेता व वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अब्दुल मन्नान अपनी स्पष्ट बातों के लिए जाने जाते हैं। उन्हें कांग्रेस, वाममोर्चा व इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) को लेकर गठित किए गए संयुक्त मोर्चा के बंगाल के चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने का यकीन है। मन्नान का यह भी दावा है कि कांग्रेस पिछली बार की तुलना में ज्यादा सीटें जीतेगी। उन्होंने राहुल गांधी के चुनाव प्रचार के लिए देर से बंगाल आने, आइएसएफ प्रमुख अब्बास सिद्दीकी व बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी में चल रही तकरार, बंगाल में कोरोना को लेकर हो रही सियासत समेत विभिन्न मसलों पर वरिष्ठ संवाददाता विशाल श्रेष्ठ से खुलकर बातचीत की। पेश है उसके प्रमुख अंश :

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प्रश्न : चांपदानी सीट से दोबारा निर्वाचित होने को लेकर कितने आशान्वित हैं?

उत्तर : मैं हमेशा लोगों के साथ रहता हूं। उनसे कभी झूठ नहीं बोला। चांपदानी के लोग मुझे अपना स्वजन मानते हैं और विश्वास करते हैं।

प्रश्न : राहुल गांधी के देर से चुनाव प्रचार करने बंगाल आने पर क्या कहेंगे? इससे क्या संयुक्त मोर्चा में गलत संदेश नहीं गया?

उत्तर : राहुल गांधी ने खुद ही कहा था कि वे चौथे चरण के बाद यहां चुनाव प्रचार करने आएंगे। इसकी वजह यह है कि बंगाल में हमारे कम प्रत्याशी हैं जबकि तमिलनाडु व केरल में बहुत ज्यादा हैं। उनकी बाद की सभाएं कोरोना के प्रकोप के कारण रद करनी पड़ीं क्योंकि हम एक जिम्मेदार पार्टी हैं और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं करते। वोट की खातिर कोरोना का संक्रमण नहीं फैला सकते, जबकि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने ऐसा किया। वे लोगों की जान को लेकर राजनीति करती हैं।

प्रश्न : आइएसएफ प्रमुख अब्बास सिद्दीकी ने बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा के साथ उनका गुपचुप समझौता हो चुका है। इसपर आप क्या कहेंगे?

उत्तर : संयुक्त मोर्चा में आइएसएफ को शामिल कराने के लिए पार्टी ने मुझे अधीर बाबू की सहमति लेकर अब्बास सिद्दीकी से बातचीत करने को कहा था। मैंने व पार्टी नेता पï्रदीप भट्टाचार्य ने उनसे बात की थी। अभी अधीर बाबू और अब्बास सिद्दीकी के बीच जो भी है, वो आपस में समझेंगे। मैं इस विवाद में नहीं पडऩा चाहता और न ही किसी पर दोषारोपण करूंगा।

प्रश्न : इस बार के चुनाव को किस तरह से देख रहे हैं?

उत्तर : मैंने अपने जीवन में पहले कभी इस तरह का चुनाव नहीं देखा। हमने हमेशा मुद्दों पर राजनीति की है। लोगों की जीविका की बात कही है। तृणमूल-भाजपा चुनाव में अशालीन भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। इसमें पीएम मोदी से लेकर सीएम ममता तक शामिल हैं। लोगों की मूल जरुरतों रोटी, कपड़ा और मकान की कोई बात नहीं कर रहा।

प्रश्न : संयुक्त मोर्चा की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री कांग्रेस, वामो अथवा आइएसएफ से होगा?

उत्तर : हमें नहीं लगता कि किसी भी पार्टी को एकल तौर पर बहुमत मिलेगा। उस स्थिति में तृणमूल-भाजपा एक होकर सरकार गठित कर सकती है। जहां तक संयुक्त मोर्चा की बात है तो आपस में सोच-विचार करके निर्णय लिया जाएगा।

प्रश्न : आइएसएफ के जुडऩे से कांग्रेस-वामो गठबंधन कितना मजबूत हुआ है?

उत्तर : हमने अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए इस बार वृहत्तर फ्रंट का गठन किया है। कई दलों को इसमें शामिल किया है। कुछ दल तो चुनाव भी नहीं लड़ रहे लेकिन हमारे साथ हैं।

प्रश्न : कांग्रेस को इस बार कितनी सीटें मिलने की उम्मीद कर रहे हैं?

उत्तर : पिछली बार की तुलना में हमारी ताकत बढ़ी है। हमारा गठबंधन भी मजबूत हुआ है इसलिए पहले से ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीद है।

प्रश्न : अब चुनाव प्रचार के केंद्र में कोरोना है। इसपर क्या कहेंगे?

उत्तर : केंद्र में भाजपा और बंगाल में तृणमूल सत्ता में है। दोनों को ही लोगों की जान की तनिक भी परवाह नहीं है। वे कोराना को लेकर वोट की राजनीति कर रही हैं। जब सभी चुनाव प्रचार बंद करने को कह रहे थे, उस वक्त मोदी-शाह से लेकर ममता तक सभाएं करके भीड़ जुटा रहे थे। उन्होंने कोरोना संबंधी नियमों को भी नहीं माना, जिससे बंगाल में संक्रमण इतना फैल गया है। दूसरी तरफ राहुल गांधी ने तुरंत अपनी सारी सभाएं रद कर दीं। हमारे लिए लोगों की जान वोट से पहले है।

प्रश्न : अगर ऐसे समीकरण बने कि तृणमूल को सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के साथ की जरुरत पड़ी तो क्या हाथ मिलाएंगे?

उत्तर : हम एक गलती को कितनी बार दोहराएंगे? तृणमूल को अतीत में जब भी जरुरत पड़ी तो उसने भाजपा से ही हाथ मिलाया है। भाजपा की 'बीÓ टीम के साथ हम किस तरह से एडजस्ट करेंगे? बंगाल में भाजपा को ममता ही लेकर आई थीं। आज ममता की कोई विश्वसनीयता नहीं बची है तभी तो उनके लिए प्रचार करने शरद पवार, तेजस्वी यादव, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव कोई नहीं आया। वे हार के डर से भवानीपुर छोड़कर नंदीग्राम चली गईं और चेयर पर बैठकर नाटक कर रही हैं।


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