बीएसएफ व पशु तस्करों में मुठभेड़, जवानों ने तस्करी के जबरन प्रयास को किया विफल
बीएसएफ ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास तस्करों द्वारा मवेशियों की बांग्लादेश में जबरन तस्करी के प्रयासों को नाकाम करते हुए 14 मवेशियों को तस्करी से बचाया है।बीएसएफ जवानों और तस्करों के बीच काफी देर तक मुठभेड़ चला।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास तस्करों द्वारा मवेशियों की बांग्लादेश में जबरन तस्करी के प्रयासों को नाकाम करते हुए 14 मवेशियों को तस्करी से बचाया है।
बीएसएफ की ओर से एक बयान में बताया गया कि तस्करी में बाधा देने पर पशु तस्करों ने जवानों पर घातक हथियार से हमले की भी कोशिश की। इसके बाद आत्मरक्षा में बीएसएफ जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कई राउंड हवाई फायरिंग की। इसके बाद तस्कर भाग निकले। बीएसएफ जवानों और तस्करों के बीच काफी देर तक मुठभेड़ चला।
बयान के मुताबिक, 2 दिसंबर को बीएसएफ की इंटेलिजेंस ब्रांच से मवेशियों की तस्करी के बारे में विश्वसनीय जानकारी मिलने पर, बॉर्डर आउट पोस्ट सागरपारा, 141वीं बटालियन, सेक्टर कोलकाता के कंपनी कमांडर ने बॉर्डर आउट पोस्ट सागरपारा के क्षेत्र में पेट्रोलिंग पार्टी भेजी। रात लगभग तीन बजे, बीएसएफ पेट्रोलिंग पार्टी ने 50 - 60 मवेशियों के साथ 100 से ज्यादा की संख्या में पशु तस्करों की संदिग्ध गतिबिधि को देखा, जो मवेशियों की तस्करी बांग्लादेश में करने के इरादे से अंतरराष्ट्रीय सीमा के तरफ जाने की कोशिश कर रहे थे।
सतर्क जवानों ने तस्करों को चुनौती दी और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। लेकिन तस्करों ने उनकी बातों को अनसुना कर घातक दाह के साथ बीएसएफ के जवानों पर हमला करने की कोशिश की। जान और माल की जोखिम देख अपनी आत्मरक्षा में जवानों ने सुरक्षित दिशा में 4 राउंड पी ए जी से और 4 राउंड इंसास राइफल से फायरिंग की। फायरिंग की आवाज़ सुन तस्कर अंधेरा, ऊबर खाबड़ जमीन और केले के बागान का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। इलाके की तलाशी के दौरान जवानों ने मौके से 4 मवेशी बरामद किए।
अन्य घटनाओं में बीएसएफ के जवानों ने तस्करी के प्रयासों को विफल करते हुए दक्षिण बंगाल सीमा में अपनी जिम्मेदारी के क्षेत्रों 10 मवेशियों को मुक्त कराया। गौरतलब है कि वर्ष 2020 के दौरान दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बीएसएफ जवानो ने 6,224 मवेशियों को तस्करी से बचाया, जब उन्हें बांग्लादेश में तस्करी करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने की कोशिश की जा रही थी।