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Nandigram Result: ममता को झटका, नंदीग्राम में दोबारा नहीं होगी वोटों की गिनती, रिटर्निंग ऑफिसर को दी गई सुरक्षा

चुनाव आयोग ने नंदीग्राम में अपने पूर्व सहयोगी व भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी से नजदीकी मुकाबले में ममता की हार के बाद वोटों की दोबारा गिनती की तृणमूल कांग्रेस की मांग को भी खारिज कर दिया है।आयोग ने कहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर का फैसला अंतिम है

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 07:05 PM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 07:07 PM (IST)
Nandigram Result: ममता को झटका, नंदीग्राम में दोबारा नहीं होगी वोटों की गिनती, रिटर्निंग ऑफिसर को दी गई सुरक्षा
आयोग ने कहा, रिटर्निंग ऑफिसर का फैसला अंतिम

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी की उम्मीदों को झटका देते हुए नंदीग्राम सीट पर अपने पूर्व सहयोगी व भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी से नजदीकी मुकाबले में हार के बाद वोटों की दोबारा गिनती की तृणमूल कांग्रेस की मांग को खारिज कर दिया है।आयोग ने कहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर का फैसला अंतिम है और इसे केवल हाई कोर्ट में ही चुनौती दी जा सकती है। इसके साथ ही ममता बनर्जी की हार के बाद नंदीग्राम के रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) पर दबाव को लेकर आ रही खबरों के बीच चुनाव आयोग के निर्देश पर उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई है।

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आयोग ने मीडिया में आई उन रिपोर्ट्स को खारिज किया है जिनमें कहा गया है कि नंदीग्राम में दोबारा काउंटिंग होगी।आयोग ने कहा है कि नंदीग्राम के रिटर्निंग ऑफिसर पर दबाव को लेकर आई मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर बंगाल के मुख्य सचिव को तीन मई को आदेश दिया गया है कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दी जाए। राज्य सरकार ने उन्हें सुरक्षा प्रदान भी कर दी है। आयोग ने इसके साथ ही बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि सभी चुनाव रिकॉर्ड्स को सुरक्षित रखा जाए।

मंगलवार को जारी बयान में आयोग ने कहा, 'नंदीग्राम में गिनती खत्म होने के बाद एक प्रत्याशी के इलेक्शन एजेंट ने दोबारा मतगणना की मांग की थी जिसे रिटर्निंग ऑफिसर ने अपने सामने मौजूद तथ्यों को देखते हुए मौखिक आदेश में खारिज कर दिया। इसके बाद परिणाम की घोषणा की गई थी। ऐसे मामले में अब हाई कोर्ट में ईपी दायर करने का ही विकल्प बचता है।' आयोग ने कहा है कि किसी विधानसभा क्षेत्र में रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) आरपी एक्ट, 1951 के तहत अर्ध-न्यायिक क्षमता में स्वतंत्र रूप से और चुनाव आयोग के गाइडलाइंस के आधार पर अपने काम को अंजाम देते हैं। नियम के आधार पर यदि दोबारा गिनती की मांग की जाती है तो रिटर्निंग ऑफिसर उसे स्वीकार कर सकते हैं या असंगत लगने पर खारिज कर सकते हैं। आरओ के फैसले को आरपी एक्ट 1951 की धारा 80 के तहत चुनाव याचिका के जरिए ही चुनौती दी जा सकती है। 

'काउंटिंग प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं'

चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी की ओर से लगाए गए मतगणना में गड़बड़ी के आरोपों को भी खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा है कि सभी काउंटिंग टेबल पर एक माइक्रो ऑब्जर्वर था और उन्होंने अपनी रिपोर्ट्स में किसी तरह की गड़बड़ी का कोई संकेत नहीं दिया है। सभी राउंड के बाद आरओ ने सभी प्रत्याशियों को मिले वोट की संख्या की एंट्री की थी और इसे डिस्पले बोर्ड पर दर्शाया गया था, जिसे काउंटिंग एजेंट आसानी से देख सकते थे। पूरी काउंटिंग प्रक्रिया के दौरान किसी ने कोई शंका नहीं जाहिर की थी और पूरी प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के चली। हर राउंड के बाद सभी एजेंट को रिजल्ट की कॉपी दी जा रही थी।


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