West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल में छह महीने से फरार अपराधियों से छिनेगा मतदान का हक, तीन साल से जमे पुलिस अफसरों का होगा तबादला
West Bengal Assembly Election 2021 गैर-जमानती धाराओं वाले फरार आरोपितों के मामले में उक्त नियम गत अक्टूबर से ही प्रभावी हो गया है। ऐसे में फरार आरोपित अगर अगले साल अप्रैल तक गिरफ्तार नहीं किए जाते तो उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल में हिंसा मुक्त विधानसभा चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग बेहद सतर्क है। इस बाबत अपराधियों को खास तौर पर चिह्नित किया जा रहा है। जिन लोगों पर गैर-जमानती धाराओं में केस दर्ज है, छह महीने तक फरार रहने पर उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा। इस समय राज्यभर में मतदाता सूची को संशोधित करने का काम चल रहा है। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, गैर-जमानती धाराओं वाले फरार आरोपितों के मामले में उक्त नियम गत अक्टूबर से ही प्रभावी हो गया है। ऐसे में फरार आरोपित अगर अगले साल अप्रैल तक गिरफ्तार नहीं किए जाते तो उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा।
गौरतलब है कि बंगाल में अगले साल होने जा रहा विधानसभा चुनाव कई मायनों में बेहद अहम है। इस वजह से चुनाव आयोग पूरी मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ रहा है। मतदाता सूची संशोधन से लेकर अन्य तैयारियों तक सभी मामलों में कड़ी नजर रखी जा रही है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मतदाता सूची में कोई विसंगति नहीं रहे। इस बार चुनाव आयोग ने संशोधन के लिए कई नियम भी जोड़े हैं। उदाहरण के लिए अगर किसी का नाम हटाया गया है तो आवेदक को उसके कारण के बारे में सूचित किया जाएगा। आज नदिया में निरीक्षण करेंगे आरिज राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी आरिज आफताब सोमवार को मतदाता सूची से जुड़े काम का निरीक्षण करने के लिए नदिया और मुर्शीदाबाद जा रहे हैं।
इससे पहले उन्होंने दक्षिण 24 परगना जिले के चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक की थी। अशांति नहीं चाहता चुनाव आयोग इस महीने की शुरुआत में उप चुनाव आयुक्त और पश्चिम बंगाल के प्रभारी सुदीप जैन ने राज्य का दौरा किया था। उन्होंने कोलकाता में विशेष बैठक भी की थी। वह तीन दिनों के लिए उत्तर बंगाल भी गए थे। उन्होंने राज्य के सभी जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों के साथ बैठकें भी की थीं। आयोग सूत्रों के अनुसार जिलाधिकारियों को बैठक में स्पष्ट किया गया था कि गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट वाले आरोपितों को वापसी के लिए अदालत में आवेदन करना होगा। आयोग मतदान के दौरान किसी भी तरह की अशांति बर्दाश्त नहीं करेगा।
तीन साल से जमे पुलिस अधिकारियों के तबादले करने के लिए कहा
चुनाव आयोग ने अब राज्य व कोलकाता पुलिस के मुख्यालयों को चिट्ठी भेजकर सशस्त्र पुलिस बल के कमांडेंट व अन्य अधिकारियों, जोकि तीन साल से ज्यादा समय से एक ही जगह पर जमे हैं, उनका तबादला करने को कहा है। गौरतलब है कि इससे पहले हाल के दिनों में राज्य सरकार की ओर से बड़े स्तर पर आइएएस व आइपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया था। इसके साथ ही चुनाव को देखते हुए विभिन्न पुलिस थानों, चौकियों, सब डिवीजन और जिला पुलिस के अधिकारियों, जोकि दैनिक आधार पर कानून और व्यवस्था बनाए रखने के प्रवर्तक होते हैं, उनका तबादला किया गया था। कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार के सूत्रों के अनुसार, आयोग का निर्देश उन तक पहुंच चुका है।