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चुनाव प्रचार: ममता बनर्जी भवानीपुर विस सीट से लड़ेंगी चुनाव, इसके लिए तृणमूल ने तैयार किया नया चुनावी नारा

आगामी 30 सितंबर को यहां मतदान होना है। नए नारे के साथ आज से तृणमूल ने चुनाव प्रचार करना शुरू कर दिया है। यह नारा लिखे बैनर-होर्डिंग्स बड़ी संख्या में तैयार किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि भवानीपुर को ममता का गढ़ माना जाता है।

By Priti JhaEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 01:50 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 01:56 PM (IST)
चुनाव प्रचार: ममता बनर्जी भवानीपुर विस सीट से लड़ेंगी चुनाव, इसके लिए तृणमूल ने तैयार किया नया चुनावी नारा
ममता बनर्जी के भवानीपुर विस सीट के लिए तृणमूल ने तैयार किया नया चुनावी नारा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस 'बांग्ला निजेर मेये केई चाय' (बंगाल अपनी बेटी को ही चाहता है) का नारा देकर तीसरी बार सूबे की सत्ता पर काबिज हुई थी और अब विधानसभा उपचुनाव में कोलकाता की भवानीपुर सीट के लिए नया चुनावी नारा तैयार किया है, जो है- 'उन्नयन घरे- घरे, घरेर मेये भवानीपुरे' (विकास घर-घर में, घर की बेटी भवानीपुर में)।

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी इसी सीट से चुनाव लड़ेंगी। आगामी 30 सितंबर को यहां मतदान होना है। नए नारे के साथ आज से तृणमूल ने चुनाव प्रचार करना शुरू कर दिया है। यह नारा लिखे बैनर-होर्डिंग्स बड़ी संख्या में तैयार किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि भवानीपुर को ममता का गढ़ माना जाता है।

ममता ने यहीं से 2011 में उपचुनाव और 2016 में विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता था। ममता ने पिछला विधानसभा चुनाव नंदीग्राम से सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ लड़ा था, जो चुनाव से पहले तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। ममता सीमित वोट के अंतर से चुनाव हार गई थीं। पिछली बार तृणमूल ने भवानीपुर में पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय को उतारा था। वे 30,000 से भी अधिक वोटों के अंतर से जीते थे।ममता की खातिर उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है।

इस बीच बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ममता के खिलाफ उम्मीदवार उतारने के पक्ष में नहीं है, हालांकि पार्टी के केंद्रीय नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि इस बाबत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ही अंतिम निर्णय लेंगी। दूसरी तरफ गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की चुनावी साझेदार रहे वामदल कांग्रेस के निर्णय के प्रतीक्षा में हैं। वामदल इस सीट पर उम्मीदवार खड़ा करने के पक्ष में हैं। भाजपा भी यहां ममता को कड़ी टक्कर देना चाह रही है। 


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