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अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा- जब ऋण 60 हजार करोड़ से अधिक हो तो आशावादी होना गलत

नोबेल विजेता अर्थशास्त्री ने कहा एयर इंडिया को बचाने की कोशिश हर बार रहा है विफल- कहा कंपनी की संपत्ति बेचकर गरीब लोगों के विकास के लिए लगाए सरकार

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 09:18 AM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 09:18 AM (IST)
अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा- जब ऋण 60 हजार करोड़ से अधिक हो तो आशावादी होना गलत
अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा- जब ऋण 60 हजार करोड़ से अधिक हो तो आशावादी होना गलत

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी का कहना है कि सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया में 100 फीसद हिस्सेदारी बेचने के फैसले के बाद इसके पुनर्जीवित होने को लेकर ज्यादा आशावादी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया को पुनर्जीवित करने के लिए पहले भी बहुत सारे बेलआउट पैकेज व तौर-तरीकों का प्रयोग किया गया था, लेकिन हर बार यह विफल रहा।

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उनके मुताबिक, जब एयर इंडिया जैसी कंपनी पर 60 हजार करोड़ से अधिक का ऋण हो तो इसको लेकर ज्यादा आशावादी होना गलत होगा। अभिजीत ने आगे कहा, मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि अगर सरकार को कोई खरीदार नहीं मिलता है तो एयरलाइन को तुरंत बंद कर देना चाहिए और हमारे देश में गरीब लोगों के विकास के लिए विमानों और उसकी सपत्तियों को बेचना चाहिए।

वहीं, एक राष्ट्रीय विमान वाहक के तौर पर एयर इंडिया की प्रासंगिकता के बारे में पूछे जाने पर अभिजीत ने कहा कि राष्ट्रीय वाहक होने की अनिवार्यता अब निष्कि्रय है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे कई देशों के पास भी राष्ट्रीय वाहक नहीं है।

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी का कहना है कि सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया में 100 फीसद हिस्सेदारी बेचने के फैसले के बाद इसके पुनर्जीवित होने को लेकर ज्यादा आशावादी नहीं होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने सोमवार को एयर इंडिया में 100 फीसद हिस्सेदारी बेचने को लेकर आरंभिक सूचना जारी कर दी थी। निविदा की अंतिम तारीख 17 मार्च है। बोली दस्तावेज के अनुसार, रणनीतिक विनिवेश के तहत सरकार एयर इंडिया की सस्ती विमानन सेवा एयर इंडिया एक्सप्रेस में भी अपनी 100 फीसद हिस्सेदारी और ज्वाइंट वेंचर एआइएसएटीएस में 50 फीसद हिस्सेदारी बेचेगी। पूरी प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरी की जानी है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि लगभग 60 हजार करोड़ रुपये के संचित कर्ज की वजह से एयर इंडिया की वित्तीय स्थिति बेहद नाजुक है और वह कर्ज के जाल में बुरी तरह फंसी है। 


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