Durga Puja 2019: Kolkata में आज से दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन शुरू करेंगी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
हजारों दुर्गा पूजा पंडालों के उद्घाटन का आमंत्रण मिलने के बाद तृणमूल प्रमुख मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस साल महालया से पहले शुक्रवार से ही दुर्गा पूजा का उद्घाटन करना करना प्रारंभ कर
जागरण संवाददाता, कोलकाता। हजारों दुर्गा पूजा पंडालों के उद्घाटन का आमंत्रण मिलने के बाद तृणमूल प्रमुख व बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस साल महालया से पहले शुक्रवार से ही दुर्गा पूजा का उद्घाटन करना प्रारंभ करेंगी। सीएम शुक्रवार शाम उत्तर कोलकाता के मशहूर दुर्गा पूजा पंडाल चलताबागान लोहापट्टी का उद्घाटन करेंगी। इसके बाद शनिवार यानि महालया के दिन सीएम शाम पांच बजे नाकतल्ला उदयन संघ पूजा पंडाल का उद्घाटन करेंगी। इसी दिन शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम के पूजा पंडाल चेतला अग्रणि का भी उद्घाटन करेंगी।
वहीं, छुट्टी के दिन यानि रविवार को भी सीएम का कई पूजा पंडालों के उद्घाटन का कार्यक्रम है। इस दिन ममता शाम साढ़े सात बजे बालीगंज फाड़ी स्थित एक्कूश पल्ली (21 पल्ली) पंडाल का उद्घाटन करेंगी। इसके बाद वे दक्षिण कोलकाता में विख्यात पूजा कमेटी सुरुची संघ के पूजा थीम सांग का उद्घाटन करेंगी। हालांकि अभी दिन को लेकर थोड़ा संचय है। इसके बाद सीएम का सोमवार 30 सितंबर साध्य में बालीगंज कल्चरल पूजा पंडाल उद्घाटन का कार्यक्रम प्रस्तावित है। इसी दिन त्रिधरा सम्मेलनी पूजा कमेटी का भी उद्घाटन किया जाना है। इस बार ममता बनर्जी को राज्य के अलावा अन्य कई राज्यों से भी पूजा पंडाल उद्घाटन का आमंत्रण मिला है। पार्टी सूत्रों के अनुसार विभिन्न राज्यों से 10,000 के अलावा अकेले बंगाल से उन्हें 3,000 पूजा आयोजकों ने उद्घाटन को लेकर आमंत्रित किया है। इनमें से कई चाहते हैं कि वे सप्तमी से दशमी के बीच किसी एक दिन भी उनके पूजा पंडाल में पधारें।
तृणमूल प्रमुख व बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लोगों ने जिस त्रसदी और कठिनाइयों को ङोला है, वे सभी आने वाली पाढ़ियों के लिए एक सबक होने चाहिए ताकि वे भी इन घातक हथियारों के दुष्परिणामों से अवगत हो सके। सुश्री बनर्जी ने ट्वीट कर लिखा, आज परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन का अंतरराष्ट्रीय दिवस है और इस मौके पर हम सभी को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लोगों को हुई भयानक कठिनाइयों तथा दुखों से सीख लेनी चाहिए और ये भावी पीढ़ियों के लिए भी एक सबक बने। शांति से ही समृद्धि में इजाफा होता है।