आदिवासियों के रेल अवरोध से जनजीवन अस्त-व्यस्त, दर्जनों ट्रेनें प्रभावित, हजारों रेल यात्री फंसे
बंद के चलते दक्षिण पूर्व रेलवे की दर्जनों ट्रेनें मार्ग में फंसी रहीं। राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी सड़क यातायात बंद के चलते बुरी तरह से प्रभावित हुआ।
खड़गपुर, जागरण संवाददाता। भारत जकात मांझी परगना महल की ओर से आहूत रेल व सड़क अवरोध के मद्देनजर सोमवार को सप्ताह के पहले ही दिन पश्चिम मेदिनीपुर जिले में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ। बंद का व्यापक असर सड़क और रेल यातायात पर पड़ा है।
बंद के चलते दक्षिण पूर्व रेलवे की दर्जनों ट्रेनें मार्ग में फंसी रहीं। राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी सड़क यातायात बंद के चलते बुरी तरह से प्रभावित हुआ। जंगल महल के आदिवासियों की ओर से ओलिचिकी लिपि को विश्व विद्यालय स्तर तक मान्यता देने तथा ओलचिकी शिक्षकों की नियुक्ति समेत 9 सूत्री मांगों के समर्थन में सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया गया था। सोमवार की सुबह छह बजे से झाड़ग्राम, बांकुड़ा व पुरुलिया में रेल अवरोध शुरू हो गया।
आद्रा संभाग के शालबनी बांकुड़ा में छातना तथा खड़गपुर-हावड़ा संभाग के बालीचक और खड़गपुर-भद्रक संभाग के जालेश्वर व बालासोर स्टेशनों पर रेल अवरोध शुरू किए जाने से दर्जनों की संख्या में ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी हो गईं। कई लोकल व एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द और सीमित दूरी तक चलाना पड़ा। कई ट्रेनें रद्द भी की गई, जिनमें ज्यादातर लोकल व पैसेंजर ट्रेनें रहीं।
खड़गपुर रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्यिक प्रबंधक कुलदीप तिवारी ने समस्या की बात स्वीकार करते हुए कहा कि दर्जनों की संख्या में ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी है। प्रदर्शनकारियों से बातचीत की कोशिश की जा रही है।