Move to Jagran APP

Cyclone Yaas: चक्रवात यास के कारण सब्जियों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि

व्यवसायियों की मानें तो यास के बाद से ही अचानक सब्जी की कमी हो गईदामों में इजाफा हो गया। थोक हो या फिर बाजार सभी जगहों पर सब्जियों की कीमतों में 15 से 25 रुपये तक का अचानक इजाफा हो गया है। इस कारण क्रेता व विक्रेता दोनों परेशान है।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 08:46 AM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 04:33 PM (IST)
Cyclone Yaas: चक्रवात यास के कारण सब्जियों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि
यास के कारण सब्जियों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के साथ आसपास के राज्यों में यास तूफान का काफी प्रभाव पड़ा है। हर जगह काफी प्रभाव तूफान का पड़ा है। वहीं सब्जियां भी इसके प्रभाव से नहीं बच सकी हैं। हालांकि आशंका तो पहले से ही जताई गई थी। वहीं थोक हो या फिर बाजार सभी जगहों पर सब्जियों की कीमतों में 15 से 25 रुपये तक का अचानक इजाफा हो गया है। इस कारण क्रेता व विक्रेता दोनों के माथे पर शिकन आ गई है। देखा जाये तो खीरा, पटल से लेकर आलू के दाम रातोंरात आसमान छूने लग गए हैं। व्यवसायियों की मानें तो यास के बाद से ही अचानक सब्जी की कमी हो गई और दामों में इजाफा हो गया।

prime article banner

सब्जी के बढ़े हुए दामों के ये हैं कारण

दरअसल स​ब्जियों के दामों में हुए इजाफे का मुख्य कारण कई है। इनमें से प्रमुख है यास के बाद हुई तेज बारिश। गत बुधवार को यास के आने के बाद कोलकाता, हावड़ा समेत हुगली में जोरदार बारिश हुई और जगह-जगह जलजमाव हो गया। ऐसे में स्टोर की गई सब्जियों में भी पानी भर गया। यहां तक कि सब्जी की फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। पूर्व मेदिनीपुर व दक्षिण 24 परगना के अधिकांश इलाके में कृषि नष्ट हो गई है। इससे बैगन, झींगा, भिंडी, हरी मिर्च, खीरा, कुम्हड़ा भी भारी मात्रा में नष्ट हो गए हैं। ऐसे में सब्जी के दाम बढ़ गये और आम लोगों की जेब कटने लगी। इसके अलावा लोकल ट्रेनें बंद हैं और साथ ही डीजल के दाम भी आसमान छू रहे हैं।

इन इलाकों से आनेवाली सब्जियां हुई महंगी

-इधर कृषकों का कहना है कि दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप, नामखाना, संदेशखाली, पाथेरप्रतिमा, कुलतली में बैगन, झींगा, भिंडी, हरि मिर्च, खीरा, कुम्हड़ा की खेती होती है। ये इलाके बारिश के बाद अब तक जलमग्न हैं। इस कारण सब्जियां सड़ रही हैं। वहीं पूर्व मेदिनीपुर में करैला, खीरा, चिचिंगा, हरी मिर्च की खेती होती है, जिन्हें नुकसान पहुंचा है। बाजार में बैगन, पटल, झींगा व भिंडी के दाम 30 से 40 रुपये होते हैं लेकिन अभी इनके दाम 50 से 60 रुपये हो गए हैं। हरी मिर्च जहां 80 रुपये किलो थी वहीं अब 200 रुपये किलो हो गई है।

व्यवसायियों का परिवहन खर्च बढ़ा

व्यवसायियों का कहना है कि पहले यह सब्जियां लोकल ट्रेन के माध्यम से मात्र 1 हजार रुपये में आती थीं, अब गाड़ी से लाने में तीन हजार रुपये लग जाते हैं। इस कारण भी दाम बढ़ रहे हैं। इधर वेस्ट बंगाल वेंडर एसोसियेशन के अध्यक्ष कमल दे का कहना है कि दोनों जिलों में व्यापक क्षति हुई है। वहीं नदिया व उत्तर 24 परगना से आनेवाली सब्जियाें के भरोसे ही बाजार चल रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.