West Bengal: पुस्तक मेले पर भी अनिश्चितता के बादल, कोरोना के कारण विदेशी प्रकाशकों के स्टॉल लगाने पर संदेह
पिछले पुस्तक मेले का आयोजन इस साल 28 जनवरी से शुरू हुआ था जिसमें थीम कंट्री रूस था और 20 देशों के प्रकाशकों ने अपने स्टाल लगाए थे। देश के भी 600 प्रकाशकों के स्टाल लगे थे। पिछले पुस्तक मेले का आयोजन साल्टलेक के सेंट्रल पार्क में हुआ था।
कोलकाता , राज्य ब्यूरो। कोरोना महामारी के कारण देश-दुनिया में विख्यात कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले के आयोजन पर भी अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। पुस्तक मेले के अगले साल 28 जनवरी से 9 फरवरी तक आयोजित होने का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम है।
बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शतवार्षिकी के मद्देनजर इस बार बांग्लादेश को थीम कंट्री बनाया गया है। पुस्तक मेले का आयोजन करने वाली संस्था पब्लिशर्स एंड बुक सेलर्स गिल्ड के सचिव सुधांशु शेखर दे ने बताया-'हम अनिश्चितता के माहौल में हैं। कोरोना अब तक बंगाल व देश से विदा नहीं हुआ है। पुस्तक मेले को लेकर अब तक राज्य सरकार की ओर से भी कुछ कहा नहीं गया है। कोरोना के कारण विदेशी प्रकाशकों के इस बार आकर स्टॉल लगाने पर भी संदेह है, हालांकि हमारी उम्मीदें अभी खत्म नहीं हुई हैं।'
दे ने आगे कहा-'कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर दुर्गापूजा के पंडालों में आम लोगों के प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी। दर्शनार्थियों को दूर से दुर्गा प्रतिमाओं के दर्शन करने पड़े थे लेकिन पुस्तक मेले का इस तरह से आयोजन नहीं किया जा सकता। लोग पुस्तक मेले में किताबें देखने और खरीदने आते हैं इसलिए पुस्तक मेले में लगने वाले स्टालों को बंद नहीं किया जा सकता। हमें उम्मीद है कि सरकार इसका कोई न कोई हल निकालेगी और जल्द इसे लेकर दिशानिर्देश जारी करेगी।
कोरोना महामारी के कारण देश-दुनिया में विख्यात कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले के आयोजन पर भी अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। पुस्तक मेले के अगले साल 28 जनवरी से 9 फरवरी तक आयोजित होने का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम है। गौरतलब है कि पिछले पुस्तक मेले का आयोजन इस साल 28 जनवरी से शुरू हुआ था, जिसमें थीम कंट्री रूस था और 20 देशों के प्रकाशकों ने अपने स्टाल लगाए थे। देश के भी 600 प्रकाशकों के स्टाल लगे थे। पिछले पुस्तक मेले का आयोजन साल्टलेक के सेंट्रल पार्क में हुआ था।