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दुर्घटनाएं रोकने को कोलकाता के पतंगबाजों पर ड्रोन से निगरानी, पतंग की डोर से हुईं कई घटनाएं

कोलकाता में फ्लाईओवरों पर पतंगबाजी की वजह से हुई दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए अब इन क्षेत्रों में निगरानी के लिए ड्रोन उड़ाना शुरू किया गया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 05:26 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 05:26 PM (IST)
दुर्घटनाएं रोकने को कोलकाता के पतंगबाजों पर ड्रोन से निगरानी, पतंग की डोर से हुईं कई घटनाएं
दुर्घटनाएं रोकने को कोलकाता के पतंगबाजों पर ड्रोन से निगरानी, पतंग की डोर से हुईं कई घटनाएं

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोलकाता में फ्लाईओवरों पर पतंगबाजी की वजह से हुई दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए अब इन क्षेत्रों में निगरानी के लिए ड्रोन उड़ाना शुरू किया गया है। कोलकाता पुलिस की ओर से शनिवार को बताया गया है कि महानगर के विभिन्न फ्लाईओवर क्षेत्रों में पतंग की डोर में गर्दन फंसने की वजह से कई दुर्घटनाएं हुई हैं जिसमें मोटरसाइकिल सवार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। एक व्यक्ति की  मौत भी हो चुकी है। इन क्षेत्रों में पतंगबाजी करने वालों की धरपकड़ के लिए पुलिस लगातार अभियान चलाती है, लेकिन इस पर लगाम नहीं लग पाती। इसलिए अब फ्लाईओवर वाले क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाए जा रहे हैं।

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उल्लेखनीय है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी पश्चिम बंगाल सरकार से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है और पूछा है कि आखिर फ्लाईओवर पर पतंग की वजह से एक के बाद एक दुर्घटनाएं हो रही है लेकिन इसे रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है बताएं। दरअसल, महानगर में चाइनीज मांझे से हर साल कई लोग घायल हो जाते हैं जबकि चाइनीज मांझे के उपयोग पर रोक लगी हुई है। बावजूद इसके कई लोग चाइनीज मांझे से पतंगबाजी करते हैं। सूत्रों के अनुसार चाइनीज मांझे पर पाबंदी के बावजूद इसका उपयोग किए जाने पर पुलिस ने अब तक 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है । इसलिए पुलिस की ओर से बार-बार केएमडीए से अनुरोध किया जा रहा था कि कोई ऐसी व्यवस्था की जाए ताकि वाहन चलने वाले चाइनीज मांझे का शिकार न हो सके। बताते चलें कि 27 दिसंबर 2017 में 10 साल की बच्ची ने गाड़ी से सिर बाहर निकाला था तभी चाइनीज मांझे से उसका गला कट गया था। 2018 में चाइनीज मांझे से घायल होने वालों की संख्या 9 थी।

21 अक्टूबर 2018 में एक बाइक सवार चाइनीज मांझा की चपेट में आने से घायल हो गया था। 2 दिसम्बर 2018 में एसएसकेएम अस्पताल के चिकित्सक भी चाइनीज मांझे का शिकार हुए है। जनवरी 2019 से अब तक कुल 7 लोग चाइनीज मांझे के शिकार हुए हैं।


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