Coronavirus: तृणमूल ने पीएम की सर्वदलीय बैठक में कहा, पूरा वेतन देने को हूं तैयार; सांसद निधि न रोकें
Coronavirus. तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि एमपीलैड से जमीनी स्तर पर विकास करने के लिए जनप्रतिधिनियों को मदद मिलती है और इसे नहीं रोका जाना चाहिए।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Coronavirus. तृणमूल कांग्रेस के नेता व वरिष्ठ सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (एमपीलैड) पर रोक नहीं लगाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे जमीनी स्तर पर विकास कार्यों पर असर पड़ेगा। लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता बंद्योपाध्याय ने वीडियो कांफ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री से बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की और कोरोना वायरस के कारण देश में उत्पन्न स्थिति और कोविड-19 का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की।
बंद्योपाध्याय ने कहा,‘मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मांग के अनुसार राज्य को 25 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय पैकेज दिया जाए। मैंने उनसे एमपीलैड निधि को स्थगित नहीं किए जाने का भी अनुरोध किया और उनसे कहा कि हम अपना पूरा वेतन देने के लिए तैयार हैं।’
उन्होंने कहा कि एमपीलैड से जमीनी स्तर पर विकास करने के लिए जनप्रतिधिनियों को मदद मिलती है और इसे नहीं रोका जाना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस ने इससे पहले कहा था कि वह प्रधानमंत्री के साथ बुधवार को होने वाली बैठक में शामिल नहीं होगी, लेकिन बाद में उसने अपना फैसला बदल लिया।
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात पर बंद्योपाध्याय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने अपनी राय रखी कि यह दवा अन्य देशों को तभी दी जानी चाहिए जब यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि भारत के पास, इसका अपनी जरूरत के अनुसार पूरा भंडार है।
आइआइटी खड़गपुर ने पीएम केयर्स फंड में दिए एक करोड़ रुपये
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), खड़गपुर ने कोरोना वायरस का मुकाबला करने में केंद्र सरकार के प्रयासों को समर्थन देने के लिए पीएम केयर्स फंड में एक करोड़ रुपये का दान दिया। इस प्रतिष्ठित संस्थान ने एक बयान में कहा कि उसने इसके वास्ते अपने शिक्षकों एवं कर्मचारियों से एक दिन की तनख्वाह लेने का अभियान शुरू किया।
संस्थान ने शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मचारियों एवं अन्य स्रोतों से एक करोड़ रुपये जुटाये और यह राशि पीएम केयर्स फंड में अंतरित कर दी। बयान के मुताबिक संस्थान से उसके पूर्व छात्रों ने कैंपस के आस-पास रहने वाले गरीब और जरूरतमंदों की छह महीने तक सहायता करने के लिए एक अस्थायी फंड की स्थापना के लिए संपर्क किया है। संस्थान ने कहा कि इस सुझाव पर विचार किया जा रहा है।