सौमित्र चटर्जी ने अपनी ‘बायोपिक’ की शूटिंग पूरी की, जीवन पर ‘डॉक्यूमेंटरी’ रह गई अधूरी
Soumitra Chatterjee दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेता सौमित्र चटर्जी ने अपने जीवन के विविध पक्षों पर एक डॉक्यूमेंटरी बनाने पर भी सहमति दी थी। इसकी की शूटिंग सितंबर के अंतिम हफ्ते में शुरू हुई थी। लेकिन यह अधूरी रह गई।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Soumitra Chatterjee: अस्पताल में भर्ती कराए जाने से पहले बांग्ला फिल्मों के दिग्गज अभिनेता सौमित्र चटर्जी ने अपनी ‘बायोपिक’ की शूटिंग पूरी कर ली थी, लेकिन उनके जीवन पर आधारित ‘डॉक्यूमेंटरी’ की शूटिंग अधूरी रह गई। मार्च में कोविड-19 महामारी के कारण लागू हुए लॉकडाउन के चलते उनकी ‘बायोपिक’ ‘(अभिजान) की शूटिंग का एक हिस्सा पूरा हुआ था और सभी सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए शूटिंग की अनुमति दिए जाने के बाद उन्होंने कोलकाता में दो स्थानों पर शेष तीन दिनों का काम पूरा किया था। अभिजान’ 1962 में रिलीज हुई सत्यजित रॉय की फिल्म का भी नाम था, जिसमें चटर्जी ने टैक्सी चालक की भूमिका निभाई थी। प्रोडक्शन टीम के एक सदस्य ने बताया कि शूटिंग के दौरान वह अपने ही अंदाज में रहे। उनकी प्रतिबद्धता सराहनीय थी।
अभिनेता- निर्देशक परमब्रत चटर्जी बायोपिक बना रहे थे, जिसमें जीशू सेनगुप्ता ने युवा सौमित्र की भूमिका निभाई है जबकि जीवन के बाद के चरण की भूमिका उन्होंने खुद निभाई। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेता सौमित्र चटर्जी ने अपने जीवन के विविध पक्षों पर एक डॉक्यूमेंटरी बनाने पर भी सहमति दी थी। इसकी की शूटिंग सितंबर के अंतिम हफ्ते में शुरू हुई थी। ‘डॉक्यूमेंटरी’ के कुछ हिस्से की शूटिंग सात अक्टूबर को तय थी लेकिन उससे एक दिन पहले ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
सौमित्र चटर्जी (85) का लंबी बीमारी के बाद रविवार दोपहर कोलकाता के बेल व्यू क्लिनिक में निधन हो गया। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरा शोक जताया है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी सौमित्र के परिजनों व प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। रविवार शाम केवड़ातला महाश्मशान घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। राज्य सरकार की ओर से उन्हें गन सैल्यूट दिया गया। उनकी अंतिम यात्रा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं।