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Dengue Fever: बंगाल में पैर पसारता डेंगू, 44,852 मामले आए सामने

रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पश्चिमी बंगाल में डेंगू के 44000 से अधिक मामले सामने आए हैं जनवरी से अब तक यहां 25 लोगों की मौत हो चुकी है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 02:50 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 02:50 PM (IST)
Dengue Fever: बंगाल में पैर पसारता डेंगू,  44,852 मामले आए सामने
Dengue Fever: बंगाल में पैर पसारता डेंगू, 44,852 मामले आए सामने

कोलकाता, जेएनएन। राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोलकाता समेत दक्षिण बंगाल के कुछ जिलों से 44,852 डेंगू के मामले सामने आए हैं। डेंगू प्रभावित जिलों में उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हावड़ा और हुगली शामिल हैं। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, जनवरी से अब तक राज्य में डेंगू के कारण 25 लोगों की मृत्यु हुई है। 

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9 नवंबर को मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्सों से डेंगू के मामलों की संख्या 44,852 है। इतना ही नहीं रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि पिछले एक पखवाड़े में राज्य में डेंगू के मामलों में तेजी आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव नगरपालिका क्षेत्र, गायघाटा, हाबरा एक नंबर ब्लॉक बैरकपुर नगरपालिका क्षेत्र जबकि दक्षिण 24 परगना जिले के फाल्टा, मोगरहाट के एक नंबर और दो नंबर ब्लॉक, मथुरापुर के एक और दो नंबर ब्लॉक में डेंगू के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में डेंगू प्रभावित क्षेत्र के तौर पर हावड़ा नगर निगम क्षेत्र, हावड़ा जिले के डोमजूर और अमता ब्लॉक जैसे स्थानों का उल्लेख किया गया है। 

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इधर कोलकाता में भी इस बार खासकर दक्षिण कोलकाता के पिकनिक गार्डन, धापा, तिलजला के साथ-साथ अन्य कई इलाकों में डेंगू के मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक हुगली के रिसड़ा नगरपालिका के वार्ड नंबर 16, हावड़ा में बांकड़ा ग्राम पंचायत में भी डेंगू के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है वेक्टर जनित इस बीमारी के नियंत्रण को रोकथाम के लिए कुछ खामियां रह गई है जैसे कि  जल निकायों की सफाई, बड़े पैमाने पर लार्विसाइड स्प्रे और प्रजनन स्रोत में कमी के लिए जैव-लार्विसाइड का व्यापक उपयोग आदि। इस बीच, पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने विश्व स्वास्थ्य संगठन और केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए डेंगू के मामलों का इलाज करने वाले  चिकित्सकों को अनजाने में प्लेटलेट का उपयोग नहीं करने का निर्देश दिया है। 

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