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10वीं और 12वीं में 100 फीसद छात्रों के उत्तीर्ण होने पर बंगाल में उच्च माध्यमिक और स्नातक स्तर पर सीटें बढ़ाने की मांग

माकपा की छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) ने इस साल बंगाल में 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाओं में 100 फीसद छात्रों के उत्तीर्ण होने पर उच्च माध्यमिक और स्नातक स्तर पर सीटें बढ़ाने की मांग की है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 09:08 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 09:08 PM (IST)
10वीं और 12वीं में 100 फीसद छात्रों के उत्तीर्ण होने पर बंगाल में उच्च माध्यमिक और स्नातक स्तर पर सीटें बढ़ाने की मांग
बंगाल में उच्च माध्यमिक और स्नातक स्तर पर सीटें बढ़ाने की मांग

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः माकपा की छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) ने इस साल बंगाल में 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाओं में 100 फीसद छात्रों के उत्तीर्ण होने पर उच्च माध्यमिक और स्नातक स्तर पर सीटें बढ़ाने की मांग की है। एसएफआइ के महासचिव सृजन भट्टाचार्य ने एक बयान में कहा कि उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या बढ़ने से उच्च माध्यमिक स्कूलों एवं कॉलेज-विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर पर सीटें बढ़ाना आवश्यक हो गया है।

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एसएफआइ ने छात्रों के टीकाकरण के बाद सभी शिक्षण संस्थानों में प्रत्यक्ष अध्ययन की आंशिक रूप से शुरुआत की अपनी मांग भी दोहराई। एसएफआइ प्रदेश समिति के सदस्य शुभजीत सरकार ने कहा कि पिछले डेढ़ साल के अनुभव से पता चलता है कि छात्रों का एक बड़ा वर्ग स्मार्टफोन या टैब का खर्च नहीं उठा सकता है जो आनलाइन कक्षाओं और सेमेस्टर परीक्षाओं में भाग लेने के लिए आवश्यक है और परिसर में प्रत्यक्ष कक्षाएं ही इसका एकमात्र समाधान है। बताते चलें कि उच्च माध्यमिक में पहले लगभग १८ हजार छात्र-छात्राओं को असलफल घोषित कर दिया गया था। इसके बाद छात्रों व उनके अभिभावकों ने सभी को पास करने की मांग को लेेकर विरोध-प्रदर्शन, शिक्षकों का घेराव शुरू कर दिया था।

इसके बाद पिछले सोमवार को उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से सभी छात्रों को उतीर्ण घोषित कर दिया। ऐसे में अब स्कूलों से लेकर कॉलेज और विश्वविद्यालयों में जितनी सीटें रिक्त होंगी उससे अधिक छात्र दाखिले के लिए आवेदन करेंगे। ऐसे में मनपंसद विषयों और मनपसंद कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को दाखिला मिलेगा या नहीं इसे लेकर अभिभावक के साथ-साथ बच्चे भी चिंतित हैं। ऐसे में बच्चों के भविष्य अंधकारमय न हो जाए इसके लिए जरूरी है कि उच्च माध्यमिक व स्नातक स्तर पर स्कूलों से लेकर कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में सीटें बढ़ाई जाए। परंतु, सीटें बढ़ाना आसान नहीं है। इसके लिए आधारभूत संरचना से लेकर अन्य आवश्यक संसाधन बढ़ाने होंगे। वैसे ही उच्च माध्यमिक शिक्षकों और कॉलेजों-विश्वविद्यालयों में शिक्षकों व प्रोफेसरों की भारी कमी है। इसे ममता सरकार कैंस और कब पूरा करती है यह भी देखने वाली बात होगी।


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