दिल्ली हाई कोर्ट का मनी लांड्रिंग मामले में तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी को राहत देने से इन्कार, ईडी से मांगा जवाब
दिल्ली हाई कोर्ट ने बंगाल में कथित कोयला घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी को कोई भी राहत देने से मंगलवार को इन्कार कर दिया। अदालत ने ईडी से तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : दिल्ली हाई कोर्ट ने बंगाल में कथित कोयला घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी को कोई भी राहत देने से मंगलवार को इन्कार कर दिया। अभिषेक व रुजिरा ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिल्ली में पेशी के लिए जारी सम्मनों को रद करने का अनुरोध अदालत से किया था।अदालत ने ईडी से अभिषेक और उनकी पत्नी की याचिका पर तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है।
न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 27 सितंबर तय की है। उल्लेखनीय है कि ईडी ने अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी को सम्मन भेजकर दिल्ली में आज (21 सितंबर को) तमाम दस्तावेजों के साथ उसके समक्ष पेश होने को कहा था। लेकिन पति-पत्नी ने अदालत में अर्जी देकर कहा था कि दोनों कोलकाता के रहने वाले हैं और उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में जांच में सहयोग करने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि ईडी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि धनशोधन (मनी लांड्रिंग) का राष्ट्रीय और बहु-राष्ट्रीय प्रभाव होता है और उसकी जांच किसी पुलिस थाने या क्षेत्र तक सीमित नहीं है।
बता दें कि इससे पहले ईडी ने इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से बीते छह सितंबर को दिल्ली में जांच एजेंसी के कार्यालय में लगातार नौ घंटे तक पूछताछ की थी। इसके बाद यदि ने उन्हें आठ सितंबर को फिर पूछताछ के लिए तलब किया था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए थे।
इसके बाद ईडी ने उन्हें 10 सितंबर को फिर समन भेजकर 21 सितंबर को जांच के सिलसिले में पेश होने को कहा था। उनकी पत्नी को भी इसी दिन पेश होने को कहा गया था। इसके खिलाफ दोनों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और समन को रद करने की मांग की थी।