West Bengal: कोरोना प्रतिबंधों के कारण कोयला खनन क्षेत्रों में ड्रोन तैनाती में देरी
ड्रोन की मदद से उच्च गुणवत्ता वाली फोटो और खनन की 3डी की मैपिंग और वॉल्यूमेट्रिक माप आसानी से जुटाया जा सकेगा। कोयला खनन क्षेत्रों में उच्च तकनीक वाले ड्रोन की तैनाती में कोविड-19 के कारण लगे प्रतिबंधों के चलते देरी हो गई है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोल इंडिया की सहायक कंपनी केंद्रीय खान योजना और डिजाइन संस्थान (सीएमपीडीआइ) ने बताया कि कोयला खनन क्षेत्रों में उच्च तकनीक वाले ड्रोन की तैनाती में कोविड-19 के कारण लगे प्रतिबंधों के चलते देरी हो गई है।
सीएमपीडीआइ के जियोमैटिक्स विभाग के महाप्रबंधक राजनीश कुमार ने कहा कि कंपनी ने कोल खनन क्षेत्रों के विशेष सर्वेक्षण के लिए ड्रोन की तैनाती की योजना बनाई थी। ड्रोन की मदद से उच्च गुणवत्ता वाली फोटो और खनन की 3डी की मैपिंग और वॉल्यूमेट्रिक माप आसानी से जुटाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा अनुमति मिलने के बाद हम ड्रोन की तैनाती के लिए तैयार हैं। ड्रोन डाटा के संचालन और रखरखाव के लिए प्रशिक्षण 25 अप्रैल से निर्धारित किया गया था। लेकिन लॉकडाउन के कारण इसे आयोजित नहीं किया जा सका।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में उच्च गुणवत्ता के सेंसर वाले दो ड्रोन ख़रीदे गए है जिनकी कीमत दो दो करोड़ रुपये हैं। सीएमपीडीआइ रोजाना किये जाने वाले कार्यों पर नजर रखने और सर्वेक्षण करने के लिए प्रौद्योगिकी की मदद ले रहा हैं। ड्रोन से उत्पन्न डाटा खनिक की कोयला खदानों में दक्षता, उत्पादकता और सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेगा।