बांग्लादेश में सक्रिय आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के खतरनाक इरादे
Bangladesh News भारत एवं बांग्लादेश में ‘खलीफा’ प्रणाली स्थापित करने के वास्ते मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवाश करने एवं आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए जेएमबी व एक्यूआइएस के अपने साथियों के साथ देश में दाखिल हुए थे।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बांग्लादेश में सक्रिय आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन (जेएमबी) के इरादे काफी खतरनाक हैं। इसका प्रमाण राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की रिपोर्ट और कोर्ट में जमा दिए गए आरोपपत्र हैं। एनआइए ने कोर्ट में दाखिल आरोपत्र में कहा है कि प्रतिबंधित जेएमबी के चार बांग्लादेशी और एक भारतीय आतंकी बंगाल में मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ का पाठ पढ़ाने तथा जेएमबी व भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआइएस) में भर्ती करने का षड्यंत्र कर रहे थे। इसमें बंगाल के उत्तर 24 परगना के लालू सेन के साथ-साथ नाजी-उर-रहमान पवेल, मिकाइल खान, रबी-उल-इस्लाम और मोहम्मद अब्दुल मनान बच्चू शामिल हैं।
इन बांग्लादेशियों पर भारतीय दंड संहिता, अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट कानून की संबंधित धाराओं में मुकदमा चल रहा है। वे भारत एवं बांग्लादेश में ‘खलीफा’ प्रणाली स्थापित करने के वास्ते मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवाश करने एवं आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए जेएमबी व एक्यूआइएस के अपने साथियों के साथ देश में दाखिल हुए थे।
ये चारों बांग्लादेशी एवं भारतीय आरोपित भारत में जेएमबी व एक्यूआइएस टोली (माड्यूल) स्थापित करने तथा अपनी विचारधारा के प्रसार एवं आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने में सक्रिय रूप से शामिल थे। यही नहीं इन लोगों के पास ‘हवाला’ के जरिये बांग्लादेश से पैसा पहुंचता था और जांच से बचने के लिए फर्जी तरीके से भारतीय पहचान पत्र हासिल कर लिए थे। इससे साफ हो जाता है कि भारत विरोधी गतिविधियां चलाने वाले पाकिस्तान और बांग्लादेश में बैठकर षड्यंत्र रच रहे हैं। इन लोगों को देश में बैठे कुछ गद्दार मदद कर रहे हैं।
यही वजह है कि वे कोलकाता से लेकर पूरे देश में अपना नेटवर्क विस्तार करने में जुटे थे। ऐसा सपना सीमा पार बैठे आतंकी संगठन इसीलिए देख पा रहे हैं, क्योंकि हमारे देश के भीतर ऐसे गद्दार बैठे हुए हैं जो कुछ रुपये और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए अपनी मातृभूमि का सौदा करने से नहीं कतरा रहे हैं। देश के भीतर बैठे उन गद्दारों को जब तक तलाश कर उसका समूल नष्ट नहीं किया जाएगा तब तक इस तरह की भारत विरोधी साजिशें रची जाती रहेंगी। दरअसल जुलाई में कोलकाता से पांच जेएमबी आतंकियों की गिरफ्तारी हुई थी। वे सभी हिंदू नाम रखकर किराये के मकान में रह रहे थे। बंगाल में जेएमबी आतंकी पहले से सक्रिय हैं। अगर 2014 में बर्धमान के खगड़ागढ़ में बम धमाका नहीं हुआ होता तो इसका पता भी नहीं चलता।