चक्रवात यास से हुए नुकसान के आकलन के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गठित की 24 सदस्यीय कमेटी
Cyclone Yaas damage बंगाल में पिछले महीने आए यास चक्रवात से हुए नुकसान के आकलन एवं इससे प्रभावित हुए लोगों तक राहत पहुंचाने की योजना तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को 24 सदस्यीय एक कमेटी गठित की।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में पिछले महीने आए यास चक्रवात से हुए नुकसान के आकलन एवं इससे प्रभावित हुए लोगों तक राहत पहुंचाने की योजना तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को 24 सदस्यीय एक कमेटी गठित की। चक्रवात से हुए नुकसान को लेकर राज्य सचिवालय नवान्न में अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कमेटी गठित करने के बारे में जानकारी दी।कल्याण रूद्र को इस कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। रूद्र राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष हैं।
इसके अलावा इस कमेटी में कलकत्ता विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय एवं विधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय, कल्याणी के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। यह कमेटी चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। गौरतलब है कि चक्रवात के बाद अधिकारियों के साथ पिछली बैठक में ममता ने प्राकृतिक आपदा को कैसे प्रकृति से ही मिलने वाले संसाधनों का इस्तेमाल कर रोका जा सकता है, उसको लेकर सवाल किया था। उसके बाद अब उन्होंने इस उद्देश्य की पूर्ति एवं नुकसान के आकलन एवं क्षतिपूर्ति को लेकर सोमवार को विशेषज्ञों की नई कमेटी बनाई है।
चक्रवात प्रभावित जिलों में लगाए जाएंगे 15 करोड़ मैनग्रोव
बैठक के दौरान ममता ने चक्रवात प्रभावित जिलों- उत्तर व दक्षिण 24 परगना एवं पूर्व मेदिनीपुर में 15 करोड़ मैनग्रोव के पेड़ लगाने की भी बड़ी घोषणा की। उन्होंने अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कटाव को रोकने के लिए तटवर्ती इलाकों में विशेष घास लगाने का भी निर्देश दिया।ममता ने इस दौरान कहा कि प्राकृतिक आपदा रोकने के लिए मास्टर प्लान बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने केंद्र से खासकर सुंदरवन के लिए एक मास्टर प्लान देने का अनुरोध किया। ममता ने कहा कि चक्रवात के बाद निचले इलाकों में पानी जमा होने से ज्यादा नुकसान हुआ है। इन इलाकों में पानी के ट्यूबवेल आदि खराब हो गए हैं, इसके कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने पीएचई विभाग को ऊंचे स्थानों पर ट्यूबवेल लगाने की व्यवस्था का निर्देश दिया, ताकि आने वाले समय में भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो कोई नुकसान ना हो। ममता ने यह भी कहा कि चक्रवात के बाद प्रभावित इलाकों में स्थिति को सामान्य करने के लिए राहत व बचाव कार्य आगामी 10 जून तक पूरा कर लिया जाएगा।
11 व 26 को आने वाले हाइटाइड को लेकर सतर्क रहने का दिया निर्देश
मुख्यमंत्री ने इस दौरान आगामी 11 व 26 जून को आने वाले हाइटाइड (ज्वार- भाटा) को लेकर सतर्क रहने व इससे निपटने की तैयारियों का अधिकारियों को निर्देश दिया। मौसम विभाग ने इसकी चेतावनी दी है। दरअसल राज्य में पिछले महीने आए चक्रवात के कारण बड़ी संख्या में बांध टूट गए हैं, ऐसे में समुद्र में ज्वार भाटा से निचले इलाके में पानी घुसने से नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
ईंट भट्ठा मालिकों को भी मिलेगी क्षतिपूर्ति
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने चक्रवात के कारण ईंट भट्ठा मालिकों को हुए नुकसान के लिए उन्हें क्षतिपूर्ति देने की भी बात कहीं। दरअसल चक्रवात के कारण बड़े पैमाने पर ईंट भट्ठा को नुकसान पहुंचा है। मालिकों ने इसके लिए राज्य सरकार से क्षतिपूर्ति की गुहार लगाई थी, जिसके बाद ममता ने उन्हें नुकसान की भरपाई का भरोसा दिया है।