कांग्रेस से किसी तरह का गठबंधन नहीं करेगी माकपा
माकपा कांग्रेस के साथ किसी तरह के चुनावी गठबंधन में नहीं जाएगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। माकपा कांग्रेस के साथ किसी तरह के चुनावी गठबंधन में नहीं जाएगी। कांग्रेस के साथ चुनावी तालमेल के इच्छुक माकपा महासचिव सीताराम येचुरी पर प्रकाश करात गुट भारी पड़ा और अंतत: तय हुआ कि माकपा कांग्रेस के साथ किसी तरह का चुनावी गठबंधन नहीं करेगी। हालांकि संसद के अंदर और बाहर मुद्दा आधारित आंदोलन में कांग्रेस का समर्थन करने और समर्थन लेने का विकल्प खुला रखा जाएगा। हैदराबाद में माकपा की 22वीं कांग्रेस की अहम बैठक से इसके स्पष्ट संकेत मिले।
सीताराम येचुरी शुरू से ही कांग्रेस के साथ राजनीतिक संबंध रखने के पक्ष में थे। उन्होंने पार्टी कांग्रेस में भी इस पर मुहर लगाने की कोशिश की। सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल से शमिक लाहिड़ी समेत 16 कामरेडों ने गुप्त मतदान के जरिये येचुरी के प्रस्ताव का समर्थन भी किया, लेकिन बाद में करात गुट ने स्टेयरिंग कमेटी की बैठक बुलाई जिसमें कांग्रेस के साथ किसी तरह का चुनावी तालमेल नहीं रखने का निर्णय किया गया।
बताया जाता है कि इस मुद्दे पर प्रकाश करात की पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के साथ फोन पर लंबी बातचीत हुई। येचुरी ने भी बुद्धदेव से बातचीत की। उसके बाद स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में करात के कांग्रेस के साथ कोई चुनावी समझौता नहीं कराने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई। पश्चिम बंगाल लॉबी के कामरेडों का मानना है कि त्रिपुरा में माकपा के हारने के बाद करात को एक और मौका हाथ लग गया। वह कांग्रेस के साथ दूरी बनाए रखने के अपने निर्णय को पार्टी में मनवाने में सफल रहे। पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि माकपा अब कांग्रेस के साथ किसी तरह के चुनावी गठबंधन में नहीं जाएगी।