West Bengal : दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव फॉरेस्ट सुंदरवन में बाघों की गणना का काम शुरू
सुंदरवन में लगाए जा रहे 1168 कैमरे उन कैमरों से अगले साल आठ जनवरी से लेकर 14 दिसंबर तक बाघों की तस्वीरें खींची जाएंगी। सुंदरवन अपने रॉयल बंगाल टाइगर के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है। देश-दुनिया से लोग रॉयल बंगाल टाइगर देखने यहां आते हैं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव फॉरेस्ट सुंदरवन में बाघों की गणना का काम शुरू हो गया है। इस बाबत सुंदरवन में 1,168 कैमरे लगाए जा रहे हैं।उन कैमरों से अगले साल आठ जनवरी से लेकर 14 दिसंबर तक बाघों की तस्वीरें खींची जाएंगी।
बाघों के विचरण वाले इलाकों को चिन्हित कर वहां कैमरे लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। कुल 582 जगहों पर कैमरे लगाए जाएंगे। इनमें से 400 कैमरे डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की तरफ से प्रदान किए जा रहे हैं।कैमरे लगाने के लिए 10 टीमों का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम में सुंदरवन टाइगर रिजर्व के 12 कर्मचारी शामिल हैं। ज्यादातर कैमरे पेड़ों के निचले हिस्सों में छिपाकर लगाए जा रहे हैं।
बाघों को ट्रैक करने के लिए जीपीएस व ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा। भारत में पिछली बार 2017-18 में बाघों की गणना हुई थी। सर्दियों का मौसम सुंदरवन में बाघों की गणना के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है। कारण, सर्दियों में सुंदरवन की नदियों में ज्वार के समय जलस्तर कम रहता है, जिससे जगह-जगह लगाए जाने वाले कैमरों के नष्ट होने की आशंका कम रहती है।
पिछली बार हुई गणना में सुंदरवन में बाघों की संख्या 96 पाई गई थी। सुंदरवन टाइगर रिजर्व और राज्य के वन विभाग के अधिकारियों को विश्वास है कि इस बार बाघों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिलेगा।
गौरतलब है कि सुंदरवन अपने रॉयल बंगाल टाइगर के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है। देश-दुनिया से लोग रॉयल बंगाल टाइगर देखने यहां आते हैं। गणना से यह भी पता चल जाएगा कि चक्रवाती तूफान 'एम्फन' का सुंदरवन के बाघों पर कितना असर पड़ा है।