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कोलकाता के इस #coronafighter को करें सेल्‍यूट, बीवी चिंतित, बच्चे हर घंटे फोन करके पूछते हैं- पापा, कैसे हैं?

coronafighter सबकी तरह उनका भी परिवार है। घर में माता-पिता हैं। भाई-बहन हैं। बीवी-बच्चे हैं। लॉकडाउन के समय जब सबको अपने परिवार के साथ घर पर रहने को कहा जा रहा है लेकिन

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 26 Mar 2020 07:31 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2020 07:31 PM (IST)
कोलकाता के इस #coronafighter को करें सेल्‍यूट, बीवी चिंतित, बच्चे हर घंटे फोन करके पूछते हैं- पापा, कैसे हैं?
कोलकाता के इस #coronafighter को करें सेल्‍यूट, बीवी चिंतित, बच्चे हर घंटे फोन करके पूछते हैं- पापा, कैसे हैं?

विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता।  सबकी तरह उनका भी परिवार है। घर में माता-पिता हैं। भाई-बहन हैं। बीवी-बच्चे हैं। लॉकडाउन के समय जब सबको अपने परिवार के साथ घर पर रहने को कहा जा रहा है, ऐसे वक्त वे चौबीसों घंटे सड़कों पर हैं, कुछ गैर-जिम्मेदार लोगों की तरह यूं ही घूमने-फिरने के लिए नहीं, बल्कि देश के जिम्मेदार नागरिक की तरह संकट के इस दौर में पूरे समर्पण के साथ अपना फर्ज निभाने के लिए। वे इसलिए बाहर हैं ताकि सबका अपना घरों में रहना सुनिश्चित कर सकें।

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ये हैं कोलकाता ट्रैफिक पुलिसकर्मी, जो चारों तरफ फैले जानलेवा कोरोना वायरस के बीच अपनी जान जोखिम में डालकर महानगर की सड़कों पर मुस्तैद हैं। ४४ साल के अरूप मुखर्जी इन्हीं में से एक हैं। गुरुवार को दक्षिण कोलकाता के शेक्सपीयर सरणी इलाके में मोर्चा संभाल रहे कोलकाता ट्रैफिक पुलिस के साउथ गार्ड के कांस्टेबल अरूप ने कहा-' मेरा परिवार पुरुलिया में है। मेरे बूढ़े माता-पिता घबराए हुए हैं।बीवी भी मुझे लेकर काफी चिंतित है। दोनों बच्चे मुझे हर घंटे फोन करके पूछते हैं-पापा, आप कैसे हैं? पूरा परिवार मुझे सावधान रहने को कह रहा है। उन सबका मेरे लिए चिंता करना लाजिमी है लेकिन ये मेरी सिर्फ ड्यूटी ही नहीं,बल्कि जिम्मेदारी है।' 

अरूप ने आगे कहा-'हम बाहर निकले लोगों को वापस घर जाने को कहते हैं। जो बेहद जरुरी काम से निकले हैं, सिर्फ उन्हें ही जाने देते हैं। जो बेवजह निकले हैं, उन्हें समझा-बुझाकर और नहीं मानने पर सख्ती दिखाकर वापस भेजते हैं।इस दौरान हमें कुछ लोगों के रोष का भी सामना करना पड़ रहा है, फिर भी हम संयम बरतते हुए अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। इस समय लोगों का उनके घरों में रहना सुनिश्चित करना ही हमारी पहली प्राथमिकता है।' अरूप ने कहा-'हम अपनी सुरक्षा का भी ध्यान रख रहे हैं।

कोलकाता ट्रैफिक पुलिस की ओर से हमें मास्क और सैनिटाइजर दिए गए हैं। हम ड्यूटी के दौरान किसी भी चीज को छूने से बच रहे हैं, लेकिन अगर गलती से किसी चीज को स्पर्श कर लेते हैं तो तुरंत सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं। हम लोगों से दूरी रखकर भी बात कर रहे हैं। रोजाना कम से कम ८ घंटे ड्यूटी कर रहे अरूप ने कहा- 'हमारी लोगों से यही अपील है कि वे इस समय घर में ही रहें। हमारा भी परिवार है लेकिन इस समय हम उनके साथ नहीं रह सकते। हम लोगों की सुरक्षा के लिए सड़क पर हैं।'


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