West Bengal Coronavirus : बंगाल के स्कूल में एक ही दिन छात्र को दो बार लगा दी गई कोरोना वैक्सीन
स्कूल में लगे कैंप में नौवीं के छात्र को कुछ मिनट के अंतराल पर लगा दी गई दो दफा वैक्सीन। छात्र के स्वास्थ्य पर चिकित्सक रखे हुए नजर। उसके हाथ में वैक्सीनेशन का पर्चा था। यह देख जबरन दूसरे काउंटर ले जाया गया। उन्हें दूसरी बार टीका लगा दिया गया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः पश्चिम मेदिनीपुर जिले के डेबरा में एक छात्र को एक दिन में दो बार कोरोना वैक्सीन दे दी गई। आरोप है कि डेबरा के आलोकेंद्र हाई स्कूल में उमेश पांडे नामक छात्र को दो बार कोरोना वैक्सीन दी गई। इसके बाद वहां हड़कंप मच गया। उमेश आलोकेंद्र हाई स्कूल में नौवीं का छात्र है। परिवार के अनुसार नौवीं से बारहवीं कक्षा के छात्रों को कोरोना की वैक्सीन देने के लिए सोमवार को स्कूल में कैंप लगाया गया था। उमेश भी कैंप में टीकाकरण के लिए पहुंचा था। तभी यह घटना घटी। जब यह घटना सामने आई, तो स्कूल में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं, तो पीड़ित छात्र के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है।
बार-बार विरोध करने के बावजूद की जबरदस्ती
छात्र ने दावा किया कि शिविर में टीकाकरण के लिए दो काउंटर लगाए गए थे। टिफिन ब्रेक के दौरान उन्हें वैक्सीन के लिए बुलाया गया था। उसे पहले काउंटर पर टीका लगाया गया था। छात्र के बयान के मुताबिक वह पहले काउंटर से टीका लगवाकर बाहर आ रहा था। उसके हाथ में वैक्सीनेशन का पर्चा था। यह देख उन्हें जबरन दूसरे काउंटर पर ले जाया गया। बार-बार विरोध करने के बावजूद उन्हें दूसरी बार टीका लगा दिया गया।
मैडम ने पूछा कि टीका लगा? मैंने हां जवाब दिया
छात्र कहना है कि मुझे पहला टीका लगा। मेरे हाथ में एक पर्चा था। जैसे ही मैं पहले काउंटर से बाहर आया, मैडम ने पूछा कि क्या टीका लगा? इस पर मैंने जवाब दिया हां, लेकिन उन्होंने विश्वास नहीं किया। उन्हें लगा कि मैं झूठ बोल रहा हूं। मुझे दूसरे काउंटर पर ले जाया गया और फिर से टीका लगा दिया गया। इसी सूचना तत्काल स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी को दी गई।
बीएमओएच ने इसे स्कूल की लापरवाही करार दिया
बीएमओएच आरिफ शाह हुसैन ने इसे स्कूल की लापरवाही करार दिया है। हालांकि उन्होंने कहा कि छात्र से संपर्क किया गया है। कोई शारीरिक परेशानी तो नहीं हो रही है, इस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नजर रख रहे हैं। जांच की जा रही है कि आखिर यह कैसे हुआ? घटना के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक निखिल मंडल से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।
स्कूल प्रबंधन माना- छात्र के गलती से लगाया गया
हालांकि स्कूल प्रबंधन का कहना है कि छात्र ने गलती से दो बार टीके लगवा लिए हैं। उसके हाथ में एक पर्चा था और वे टीका लगवाने के बाद वेटिंग रूम में गए बिना टीकाकरण कक्ष के बाहर चला गया। स्वास्थ्य कर्मियों ने फोन किया तो वे फिर अंदर गया और टीका लगवा लिया। उसने बाद में सूचना दी की उसे पहले भी एक टीका लग चुका है।