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Bengal Coronavirus Update: घरों में आइसोलेशन में रह रहे कोरोना के मरीजों की मदद के लिए टेलीमेडिसिन हेल्पलाइन सर्विस

Bengal Coronavirus Update वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम के 150 डॉक्टर स्विचऑन फाउंडेशन नामक गैरसरकारी संगठन के साथ मिलकर निशुल्क टेलीमेडिसिन सर्विस प्रदान कर रहे। यह सर्विस सुबह सात बजे से रात 12 बजे तक उपलब्ध है। 8929408282 नंबर पर कॉल करके इस सेवा का लाभ उठाया जा सकता है।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 08:12 AM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 10:05 AM (IST)
Bengal Coronavirus Update: घरों में आइसोलेशन में रह रहे कोरोना के मरीजों की मदद के लिए टेलीमेडिसिन हेल्पलाइन सर्विस
घरों में आइसोलेशन में रह रहे कोरोना के मरीजों की मदद

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। घरों में आइसोलेशन में रह रहे कोरोना के मरीजों की मदद के लिए वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम ने स्विचऑन फाउंडेशन नामक गैरसरकारी संगठन के साथ मिलकर टेलीमेडिसिन हेल्पलाइन सर्विस शुरू की है। इसके तहत वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम के 150 डॉक्टर नि:शुल्क टेलीमेडिसिन सर्विस प्रदान कर रहे हैं। सेवाएं प्रदान करने को शुरू किए गए कॉल सेंटर से 100 से भी ज्यादा वोलेंटियर जुड़े हुए हैं, जो कोरोना के मरीजों की डॉक्टरों से बातचीत करवा रहे हैं. यह सेवा कोरोना के उन मरीजों के लिए है, जो घरों में आइसोलेशन में रह रहे हैं और जिन्हें कोरोना के हल्के लक्षण हैं अथवा नहीं के बराबर लक्षण हैं।

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यह सर्विस सुबह सात बजे से रात 12 बजे तक उपलब्ध है। 8929408282 नंबर पर कॉल करके इस सेवा का लाभ उठाया जा सकता है। वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम के डॉ. चाकी ने बताया-'हम कोरोना की दूसरी लहर से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित हैं। घरों में आइसोलेशन में रह रहे कोरोना के मरीजों को हम यह सर्विस प्रदान कर रहे हैं। टेलीमेडिसिन सर्विस हिंदी और बांग्ला भाषा में उपलब्ध है। वोलेंटियर अंग्रेजी में भी बातचीत करते हैं।'

डॉ. चाकी ने आगे कहा- 'हरेक सेकेंड काफी महत्वपूर्ण है और हरेक जिंदगी काफी मायने रखती है।'

स्विचऑन फाउंडेशन के विनय जाजू ने बताया-'हमने वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम से संपर्क किया, जो मरीजों की मदद करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। हमने महसूस किया कि इस बाबत तुरंत एक कॉल सेंटर खोलने की जरूरत है। हमने तीन दिनों के रिकॉर्ड समय में कॉल सेंटर खोला। शुरू में हम रोजाना औसतन 1,000 से ज्यादा कॉल रिसीव कर रहे थे, जिसे बढ़ती जरूरत को देखते हुए बाद में 5,000 कॉल किया गया। कोरोना के मरीजों की इससे काफी मदद हो रही है।' 


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