Cooch Behar firing case का कोई वीडियो नहीं, चुनाव आयोग ने किस आधार पर दी सीआइएसएफ को क्लीन चिट?
वाममोर्चा कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट के गठबंधन संयुक्त मोर्चा ने कहा कि शीतलकूची फाय¨रग कांड का कोई वीडियो नहीं है। सीआइएसएफ को क्लीन चिट काल्पनिक रिपोर्टो पर दी गई है। संयुक्त मोर्चा ने कहा कि चुनाव आयोग की सत्यनिष्ठा पर कभी सवाल खड़ा नहीं होना चाहिए
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : वाममोर्चा, कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट के गठबंधन संयुक्त मोर्चा ने कहा कि शीतलकूची फायरिंग कांड का कोई वीडियो नहीं है। सीआइएसएफ को क्लीन चिट काल्पनिक रिपोर्टो पर दी गई है। संयुक्त मोर्चा ने कहा कि चुनाव आयोग की सत्यनिष्ठा पर कभी सवाल खड़ा नहीं होना चाहिए लेकिन वह यह जानना चाहता है कि जब वारदात का कोई वीडियो उपलब्ध नहीं है तो चुनाव आयोग को सीआइएसएफ के पक्ष का समर्थन करने के लिए किस चीज ने प्रेरित किया।
पुलिस के मुताबिक शीतलकूची इलाके में गत शनिवार को एक मतदान केंद्र के बाहर सीआइएसएफ के जवानों की फाय¨रग में चार लोगों की मौत हो गई थी। स्थानीय लोगों द्वारा कथित तौर पर सुरक्षाकíमयों की राइफलें छीनने की कोशिश किए जाने के बाद यह घटना हुई थी। चुनाव आयोग ने सीआइएसएफ जवानों को क्लीन चिट दे दी थी और कहा कि उन्हें आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी।
माकपा के वरिष्ठ नेता बिमान बोस के नेतृत्व में सोमवार को एक प्रतिनिधिदल ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) आरिज आफताब से मुलाकात की। बोस ने दलील दी कि चुनाव आयोग की रिपोर्ट काल्पनिक रिपोर्टो पर आधारित है, जो जिला प्रशासन और कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक ने सौंपी थी। उन्होंने कहा-'ऐसा क्यों है कि किसी ने भी घटना का मोबाइल फोन पर वीडियो नहीं बनाया? मीडियाकर्मी से लेकर आम आदमी तक, हर किसी के पास स्मार्टफोन है। चुनाव आयोग ने कहा कि केंद्रीय बलों को गोली चलाने के लिए मजबूर होना पड़ा था लेकिन जिलाधिकारी और एसपी की रिपोर्ट स्पष्ट नहीं है।'
उन्होंने आगे कहा कि प्रतिनिधिदल ने सीईओ से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि हिंसा भड़काने वाले भाषण देने के बाद कोई भी बचना नहीं चाहिए। बोस ने कहा कि चुनाव आयोग को बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने विधानसभा चुनाव के अगले चरणों में शीतलकूची जैसी और भी हत्याओं की चेतावनी दी थी।
घोष ने रविवार को यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया कि अगर शीतलकूची में मारे गए शरारती लड़कों की तरह किसी ने कानून हाथ में लेने का प्रयास किया तो विधानसभा चुनावों के अगले चरण में भी उस तरह की घटनाएं हो सकती हैं। प्रतिनिधिदल में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि लोगों का चुनाव आयोग में विश्वास कम हो रहा है।