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विश्वभारती के प्रवेश द्वार पर लगे पोस्टर में टैगोर से ऊपर अमित शाह की तस्वीर होने पर विवाद

तृणमूल ने भाजपा पर साधा निशाना बताया कविगुरु का अपमान। बंगाल के लोग इसके लिए कभी माफ नहीं करेंगे। दूसरी तरफ बंगाल भाजपा ने इसे तृणमूल की ही साजिश करार दिया है। पोस्टर में सौजन्य में बोलपुर शांतिनिकेतन संस्कृति विकास समिति का नाम है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 18 Dec 2020 07:55 PM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2020 07:55 PM (IST)
विश्वभारती के प्रवेश द्वार पर लगे पोस्टर में टैगोर से ऊपर अमित शाह की तस्वीर होने पर विवाद
तृणमूल कांग्रेस ने इसका तीव्र विरोध किया, जबकि बंगाल भाजपा ने इसे साजिश करार दिया है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : विश्वभारती विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार पर लगे पोस्टर में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर से ऊपर केंद्रीय गृहमंत्री व भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह की तस्वीर होने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। बंगाल की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस ने इसका तीव्र विरोध करते हुए इसे टैगोर का अपमान बताया है। दूसरी तरफ बंगाल भाजपा ने इसे तृणमूल की ही साजिश करार दिया है। पोस्टर में सौजन्य में बोलपुर शांतिनिकेतन संस्कृति विकास समिति का नाम है यानी उक्त संस्था की तरफ से पोस्टर लगाए गए हैं। 

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बंगाल के लोग इसके लिए कभी माफ नहीं करेंगे

तृणमूल की तरफ से ट्वीट किया गया-'गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का फिर से अपमान करने का दुस्साहस कैसे हुआ? अमित शाह जी और बंगाल भाजपा, अपनी सीमा में रहिए। ये बेहद शर्म की बात है। आप खुद को गुरुदेव से भी ऊपर रख रहे हैं। बंगाल के लोग इसके लिए कभी माफ नहीं करेंगे। 

यह तृणमूल की पूर्व नियोजित साजिश हो सकती 

दूसरी तरफ भाजपा नेता अनुपम हाजरा ने कहा-'मैं इस समय बोलपुर में नहीं हूं। किन लोगों ने यह काम किया है, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। जहां तक मेरा अनुमान है, यह तृणमूल की पूर्व नियोजित साजिश हो सकती है। मैं बोलपुर जाकर इस मसले पर आगे कदम उठाऊंगा। 

बंगालियों का भावना का अपमान करने का आरोप

गौरतलब है कि तृणमूल भाजपा पर बंगाल की संस्कृति को नहीं समझने और बंगालियों का भावना का अपमान करने का आरोप लगाती आ रही है। पिछले साल कोलकाता में अमित शाह के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बंगाल की महान विभूति ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा में तोडफ़ोड़ की घटना हुई थी। 

ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा में तोडफ़ोड़ की घटना 

उस मामले ने भी काफी तूल पकड़ा था। तृणमूल ने घटना के पीछे भाजपा का हाथ बताया था। एक बार फिर तृणमूल के हाथ एक मुद्दा लग गया है, जिसे भुनाने में वह पीछे नहीं रहना चाहती।


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