Kolkata Durga puja: दुर्गा पूजा पंडाल में जूते- चप्पलों के इस्तेमाल को लेकर गहराया विवाद
भाजपा के एतराज व कानूनी नोटिस के बाद भी पूजा आयोजक जूता-चप्पल हटाने को तैयार नहीं पूजा पंडाल में जूते-चप्पलों के इस्तेमाल को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सुवेंदु अधिकारी ने इसको लेकर कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि यह मां दुर्गा का अपमान है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता की दमदम पार्क भारत चक्र पूजा कमेटी के पूजा पंडाल में जूते-चप्पलों के इस्तेमाल को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष व भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने इसको लेकर कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि यह मां दुर्गा का अपमान है। वहीं दूसरी ओर एक अधिवक्ता ने इसे हिंदू सनातन धर्म की भावना को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए पूजा कमेटी को कानूनी नोटिस भी भेजा है। जबकि पूजा कमेटी का कहना है कि यह देश में किसान आंदोलन का प्रतीक है।
सुवेंदु ने इसे हिंदू आस्था का अपमान कहा है और राज्य के मुख्य और गृह सचिव से मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर षष्ठी से पहले जूता चप्पल हटाने की मांग की है। बता दें कि दमदम पार्क में भारत चक्र क्लब की ओर से बनाए गए दुर्गा पूजा पंडाल को किसान आंदोलन की थीम पर बनाया गया है और इसकी सजावट में जूते चप्पलों का इस्तेमाल किया गया है।
मेघालय के पूर्व राज्यपाल व वरिष्ठ भाजपा नेता तथागत राय ने कहा है कि कला की आजादी के नाम पर सब कुछ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। वहीं दूसरी ओर अधिवक्ता पृथ्वीजय दास ने इसे देवी दुर्गा का गंभीर अपमान और सनातन हिंदू धर्म की भावना को आहत करने वाला बताते हुए पूजा कमेटी को कानूनी नोटिस भेजा है। कानूनी नोटिस में इस बात का विस्तृत विवरण भी मांगा गया है कि जूते का इस्तेमाल क्यों किया गया।
आयोजकों ने दी सफाई
उधर दमदम पार्क पूजा कमेटी के सदस्य अर्जुन गन ने कहा ने कहा है कि पंडाल की ओर जाने एक रास्ते पर जूतों से सजावट की गई है। यह देश में किसान आंदोलन का प्रतीक है। आंदोलनकारी किसानों पर लाठीचार्ज को दर्शाया गया है। लाठीचार्ज के कारण किसानों को बदहवास होकर जूते चप्पल छोड़कर भागना पड़ा था। दुर्गा प्रतिमा इससे बहुत दूर स्थापित की गई है। लिहाजा जूते चप्पलों को हटाने का सवाल ही नहीं उठता। इसके साथ पूजा आयोजकों का कहना है कि उन्हें कानूनी नोटिस मिला है और इसका जवाब दिया जाएगा। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप सही नहीं है।