Move to Jagran APP

Bengal Assembly Elections 2021: बंगाल चुनाव पर दिल्ली से कांग्रेस रखेगी नजर, प्रदेश इकाई के भरोसे नहीं

Bengal Assembly Elections 2021 सात फरवरी बंगाल कांग्रेस के प्रभारी जितिन प्रसाद समेत केंद्रीय नेता करेंगे राज्य इकाई के साथ बैठक।कांग्रेस और वाम दल अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसी हालत में प्रदेश इकाई के भरोसे कांग्रेस हाईकमान बंगाल चुनाव को छोड़ने के पक्ष में नहीं है।

By PRITI JHAEdited By: Published: Fri, 05 Feb 2021 09:28 AM (IST)Updated: Fri, 05 Feb 2021 10:07 AM (IST)
Bengal Assembly Elections 2021: बंगाल चुनाव पर दिल्ली से कांग्रेस रखेगी नजर, प्रदेश इकाई के भरोसे नहीं
बंगाल विधानसभा चुनाव पर कांग्रेस हाईकमान दिल्ली से रखेगा नजर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस की बंगाल में स्थिति सर्वविदित है। कांग्रेस और वाम दल अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसी हालत में प्रदेश इकाई के भरोसे कांग्रेस हाईकमान बंगाल चुनाव को छोड़ने के पक्ष में नहीं है। बंगाल विधानसभा चुनाव पर कांग्रेस हाईकमान दिल्ली से नजर रखेगा। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ने राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों को लेकर गंभीरता दिखाने की कोशिश कर रहा है।

loksabha election banner

चुनाव के लिए रणनीति बनाने को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जितिन प्रसाद और बीके हरिप्रसाद लगातार बंगाल का दौरा कर रहे हैं। चुनाव की तैयारी, प्रचार अभियान की रणनीति और गठबंधन को लेकर लगातार बैठकें कर रहे हैं। 7 फरवरी को विधान भवन में पार्टी की कई समितियों की बैठक लेंगे। उसी दिन प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने वाममोर्चा के साथ तीसरे दौर की बैठक भी बुलाई है। जितिन प्रसाद बंगाल के प्रभारी हैं, तो हरिप्रसाद बंगाल के लिए कांग्रेस की ओर से नियुक्त चार वरिष्ठ पर्यवेक्षकों में एक हैं। वे प्रदेश कांग्रेस के साथ समन्वय, प्रचार और घोषणापत्र समिति के साथ बैठक करेंगे।

अधीर रंजन चौधरी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद से ये समितियां अभी तक एक साथ बैठक नहीं की है। जितिन ही पार्टी के प्रचार अभियान की रूपरेखा तैयार कर सकते हैं। खुद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संदेश दिया कि वामदलों के साथ गठबंधन की प्रक्रिया 31 जनवरी तक पूरी हो जानी चाहिए, लेकिन फरवरी प्रथम सप्ताह तक गठबंधन की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं पाई है।

दोनों पक्षों ने राज्य की 193 सीटों के लिए समझौता किया है। 101 सीटों पर बातचीत होनी बाकी है। दोनों पक्षों के राज्य नेतृत्व ने घोषणा की है कि गठबंधन 28 फरवरी को ब्रिगेड मैदान में एक रैली आयोजित करेगी। लेकिन, राहुल गांधी या कांग्रेस का कोई दूसरा बड़ा नेता आएगा, इस पर फैसला होना बाकी है।

यही कारण है कि न तो वामपंथी, न ही कांग्रेस ब्रिगेड में वक्ताओं की अपनी सूची लोगों के सामने रख पा रहा है। अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ गठबंधन का मुद्दा भी लंबित है, क्योंकि कांग्रेस के साथ इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.