west bengal politics: पीएम किसान निधि बंद करने के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पत्र पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति
पीएम नरेंद्र मोदी को बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने चिट्ठी लिखकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए योजना तत्काल बंद करने का किया है अनुरोध। दिलीप घोष ने कहा है कि असल में राज्य सरकार ने असली किसानों को सूचीबद्ध नहीं किया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। दो वर्ष बाद पहली बार बंगाल के किसानों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि पहुंची है। परंतु, भाजपा की बंगाल इकाई ने दावा किया है कि केंद्र के पोर्टल पर जिन किसानों को राज्य की ओर से सूचीबद्ध किया जा रहा है, वे वास्तविक किसान नहीं हैं। इनमें से अधिकतर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हुए लोग हैं। इसलिए अगर राशि उन खाते में दी जाएगी, तो यह एक तरह से भ्रष्टाचार होगा। इसलिए इस योजना पर तत्काल रोक लगाई जाए।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने दो दिन पहले इस संबंध में पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कहा है कि किसानों को सम्मान निधि का लाभ मिलना चाहिए, लेकिन उपभोक्ताओं की वास्तविक सूची तैयार करने के लिए केंद्र को मंत्रिमंडल की एक टीम भेजनी चाहिए। घोष के इस पत्र का कांग्रेस ने विरोध किया है। अपनी चिट्ठी में दिलीप घोष ने कहा है कि केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए राज्य के 23 लाख किसानों ने पोर्टल पर आवेदन किया था, लेकिन केवल सात लाख लोगों को इसका लाभ मिला है। असल में राज्य सरकार ने असली किसानों को सूचीबद्ध नहीं किया है।
उन्होंने दावा किया कि जिन किसानों को सूचीबद्ध किया गया है, उनसे कट मनी ली जाएगी। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने दिलीप घोष की इस चिट्ठी पर आपत्ति जताई है। शनिवार को उन्होंने कहा कि किसानों को मिल रही इस मदद को बंद करने का दिलीप घोष का आवेदन आपत्तिजनक है। धन राशि के वितरण में भ्रष्टाचार हो रहा है या नहीं, इसकी जांच की मांग की जा सकती है, लेकिन इसे बंद करने का यह कोई तर्क नहीं है। कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने भी कहा कि भ्रष्टाचार हो सकता है, यह इसके संदेह में किसान सम्मान निधि की राशि को रोकना गलत होगा। भाजपा को अगर इसका संदेह है, तो इसकी जांच की जा सकती है। लेकिन किसानों को मिलने वाली मदद बंद नहीं होनी चाहिए।