West Bengal Election: बंगाल चुनाव में सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस व वाममोर्चा में नहीं बनी सहमति
West Bengal Assembly Election 2021 वाममोर्चा के घटक दलों के साथ मोर्चा के चेयरमैन विमान बोस ने बैठक का नेतृत्व किया। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस 120-130 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। वाममोर्चा कांग्रेस को इतनी सीटें देने के लिए तैयार नहीं है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। West Bengal Assembly Election 2021:बंगाल में इस वर्ष विधानसभा चुनाव कांग्रेस और वाममोर्चा गठबंधन कर लड़ेंगे। सीटों के बंटवारे को लेकर रविवार को कोलकाता में दोनों दलों की संयुक्त बैठक हुई जिसमें फिर कोई नतीजा नहीं निकला। इसमें दोनों दलों के वरिष्ठ नेतागण उपस्थित थे। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने 120 से 130 सीटों की मांग की है जिस पर वाममोर्चा सहमत नहीं है। बताते चलें कि इससे पहले भी सीटों के बंटवारे पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन बात नहीं बन रही। रविवार को हुई बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी, पूर्व सांसद प्रदीप भट्टाचार्य और विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान मौजूद थे।
वाममोर्चा के घटक दलों के साथ मोर्चा के चेयरमैन विमान बोस ने बैठक का नेतृत्व किया। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस 120-130 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। कांग्रेस पिछली बार 92 सीटों पर गठबंधन के तहत चुनाव लड़ी थी। इस बार वह अधिक सीट की मांग कर रही है। वाममोर्चा कांग्रेस को इतनी सीटें देने के लिए तैयार नहीं है। वामदल कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से बात करना चाहते हैं।परिणामस्वरूप, वाम-कांग्रेस की रविवार की बैठक में भी कोई समाधान नहीं निकला। वाम खेमे का मानना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे, तो महागठबंधन के जिस प्रारूप की कल्पना की गई है, उस पर कांग्रेस की जिद पलीता लगा सकती है। वामदलों का कहना है कि अगर कांग्रेस अकेले 130 सीटों पर लड़ेगी, तो बाकी दलों के हिस्से कितनी सीटें आएंगी। वामदल और कांग्रेस दोनों इस बात पर सहमत हैं कि महागठबंधन बनता है, तो तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ वे मजबूती से लड़ सकेंगे।
कांग्रेस सूत्रों की मानें, तो हाईकमान ने निर्देश दिया है कि सीट समझौते को 31 जनवरी तक अंतिम रूप दे दिया जाए।आलाकमान ने कहा है कि जोर उन सीटों पर होना चाहिए, जिसे पार्टी जीत सकती है। संख्या पर जोर नहीं होना चाहिए। इसलिए वामदलों के साथ उसकी लगातार बातचीत चल रही है। बताते चलें कि वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में भी वाममोर्चा तथा कांग्रेस में गठबंधन हुआ था। 92 सीटों पर दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था जिसमें 44 सीटों पर कांग्रेस को सफलता मिली थी। शेष सीटों में 29 पर वाममोर्चा को जीत मिली थी।