ममता और केंद्र में टकराव, तृणमूल सांसद सौगत राय बोले- आइपीएस अफसरों को भेजना है कि नहीं ये राज्य पर निर्भर
कहा केंद्र प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने वाले अधिकारियों के नाम मांग सकता है उन्हें भेजना राज्य पर निर्भर। चिट्ठी भेजकर कहा है कि आइपीएस अधिकारियों को गृह मंत्रालय अटैच नहीं कर सकता। मुख्य सचिव-डीजीपी का तलब राजनीति प्रेरित। आरोप-दबाव डालने वाली कार्रवाई की जा रही।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अब राज्य में तैनात तीन आइपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली बुलाया है। अधिकारियों को तलब किए जाने के बाद ममता और केंद्र सरकार के बीच टकराव फिर बढ़ गया है। राज्य सरकार ने तीनों अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने से मना कर दिया है। वहीं, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आइएएस/आइपीएस अधिकारी संविधान के अनुच्छेद 312 द्वारा शासित होते हैं और एक पद के लिए चुने जाने के बाद उन्हें राज्य कैडर सौंपा जाता है। उन्होंने कहा कि केंद्र प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने वाले अधिकारियों के नाम मांग सकता है, फिर उन्हें भेजना है या नहीं यह राज्य पर निर्भर करता है।
अधिकारियों को मंत्रालय अटैच नहीं कर सकता
इधर, राज्य सरकार ने भी केंद्रीय गृह मंत्रालय को चिट्ठी भेजकर कहा है कि आइपीएस अधिकारियों को गृह मंत्रालय अटैच नहीं कर सकता। गौरतलब है कि नड्डा के काफिले पर हमले के बाद केंद्र ने राज्य के मुख्य सचिव व डीजीपी को भी 14 सितंबर को दिल्ली तलब किया है। लेकिन राज्य सरकार ने पहले ही साफ कर दिया कि दोनों अधिकारी दिल्ली नहीं जाएंगे।
मुख्य सचिव-डीजीपी का तलब राजनीति प्रेरित
मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब किए जाने को राजनीति से प्रेरित बताया। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने शनिवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले को लेकर बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को दिल्ली तलब करना ‘राजनीति से प्रेरित है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है।
आरोप-दबाव डालने वाली कार्रवाई की जा रही
लोकसभा में तृणमूल के मुख्य सचेतक बनर्जी ने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन को भयभीत करने के लिए दबाव डालने वाली कार्रवाई की जा रही है और केंद्रीय गृहमंत्री के इशारे पर शीर्ष अधिकारियों को तलब किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि संविधान की सातवीं अनूसूची के तहत कानून व्यवस्था राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है... ऐसे में आप कानून-व्यवस्था के संदर्भ में किसी भी तरह की चर्चा के लिए कैसे दोनों अधिकारियों को बुला सकते हैं?’’
मंत्री के इशारे पर उठाया गया कदम लगता है
बनर्जी ने लिखा, ‘‘यह राजनीतिक उद्देश्य से और आपके मंत्री के इशारे पर उठाया गया कदम लगता है जो भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक व्यक्ति हैं, आपने वह पत्र जारी किया किया है। आप राजनीतिक बदले की भावना के तहत बंगाल के अधिकारियों पर दबाव डालना चाहते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि आप संघीय ढांचे में हस्तक्षेप कर रहे हैं।’’