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Bengal Politcs: बंगाल के राज्यपाल व विस अध्यक्ष में बढ़ी तकरार, एक-दूसरे पर जमकर साधा निशाना

विस अध्यक्ष को हिदायत देते हुए कहा कि राज्यपाल को अंधेरे में रखकर कुछ भी करने पर कानूनी तौर पर कदम उठाया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि राजभवन पर विस में पारित बिलों को अटकाकर रखे जाने का आरोप लगाया जा रहा है जो बिल्कुल गलत है।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 02:41 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 02:41 PM (IST)
Bengal Politcs: बंगाल के राज्यपाल व विस अध्यक्ष में बढ़ी तकरार, एक-दूसरे पर जमकर साधा निशाना
बंगाल के राज्यपाल व विस अध्यक्ष में बढ़ी तकरार

राज्य ब्यूरो, कोलकाता । बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ व विधानसभा (विस) अध्यक्ष विमान बनर्जी में तकरार बढ़ गई है। मंगलवार को दोनों ने एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा। राज्यपाल इस दिन विस परिसर में डा. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने आए थे। इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने विस अध्यक्ष को हिदायत देते हुए कहा कि राज्यपाल को अंधेरे में रखकर कुछ भी करने पर कानूनी तौर पर कदम उठाया जाएगा। इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए विस अध्यक्ष ने कहा कि राज्यपाल के मुंह से इस तरह की बातें गैर-सौजन्यमूलक हैं।

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राज्यपाल ने कहा कि राजभवन पर विस में पारित बिलों को अटकाकर रखे जाने का आरोप लगाया जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है। राजभवन ने किसी भी बिल को अटकाकर नहीं रखा है। इस पर बिमान ने कहा कि हावड़ा नगर निगम से संबंधित बिल पर राज्यपाल ने अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इसी तरह दूसरी बिलों के बारे में भी जानकारी नहीं दी गई है। राज्यपाल ने ममता सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बंगाल में लोगों को मतदान करने की आजादी नहीं है। लोकतंत्र में मतदाता सबसे महत्वपूर्ण हैं। बंगाल में लोकतंत्र संकट में है।

विस चुनाव बाद हुई हिंसा इसका प्रमाण है। यहां स्थिति अत्यंत भयावह है। राज्य में कानून का राज नहीं है बल्कि सत्तारूढ़ दल का कानून चल रहा है। राज्यपाल ने सरकारी अधिकारियों को कहा कि वे संविधान का अनुपालन करें। सरकारी अधिकारी संवैधानिक मर्यादा भूल रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि राजभवन क्या कर सकता है, इसकी सरकारी अधिकारियों को जानकारी नहीं है।

राज्यपाल ने उनकी अनुमति बिना 25 कुलपतियों की नियुक्ति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि देश में कहीं और इस तरह से नियुक्ति नहीं होती। दूसरी तरफ विस अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव बाद हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। राज्यपाल को ऐसे विचाराधीन मामले पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। 


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