चिंता: कोलकाता में कोविड प्रतिबंध फिर से लगाए जाने की जरूरत : विशेषज्ञ
क्रिसमस मनाने के लिए भीड़ देखे जाने के बाद विशेषज्ञों ने जताई चिंता नए साल के उत्सव के दौरान इस तरह की भीड़ की अनुमति नहीं देने के लिए सरकार को किया आगाह विशेषज्ञों ने को चिंता जताते हुए चेतावनी खतरा बढ़ने की आशंका है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे के बीच कोलकाता के पार्क स्ट्रीट में क्रिसमस मनाने के लिए मध्यरात्रि में उमड़ी भारी भीड़ देखे जाने के एक दिन बाद स्वास्थ्य विशेषज्ञों और चिकित्सकों ने बंगाल सरकार को विशेष रूप से नए साल के उत्सव के दौरान इस तरह की और सभाओं की अनुमति देने के खिलाफ आगाह किया है।
विशेषज्ञों ने को इस पर चिंता जताते हुए चेतावनी दी कि यदि इस तरह से भीड़ जुटती रही तो कोविड के मामलों में वृद्धि और ओमिक्रोन स्वरूप का खतरा बढ़ने की आशंका है। विशेषज्ञों ने बताया कि राज्य के अधिकारियों की दो महीने पहले दुर्गा पूजा के दौरान भीड़ के प्रबंधन के लिए प्रशंसा की गई थी और उन्हें क्रिसमस के त्योहार के दौरान अपने सुरक्षा उपायों में ढील नहीं देनी चाहिए थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि नए साल के जश्न के दौरान कोविड के अनुचित व्यवहार के साथ इस तरह के सामूहिक समारोहों की पुनरावृत्ति से बचने के लिए इन पर तत्काल रोक लगाने की आवश्यकता है। बर्धमान मेडिकल कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा संजीव बंद्योपाध्याय ने बताया, ऐसा लगता है कि प्रशासन विफल रहा। इसे देखते हुए एक सख्त दृष्टिकोण होना चाहिए क्योंकि ओमिक्रोन स्वरूप के आने के साथ ही कोविड मामलों में वृद्धि की आशंका है। हमें उम्मीद हैं कि सरकार के साथ-साथ आम लोग भी अधिक जिम्मेदार होंगे। उल्लेखनीय है कि देश में ओमिक्रोन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं, देश में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 6,987 नए मामले सामने आए जिनमें से बंगाल में 552 मामले दर्ज किए गए।
'भीड़ के लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदारÓ
इधर, कोलकाता के बेलियाघाटा आइडी अस्पताल की प्राचार्य डा अनिमा हलदर ने भी पार्क स्ट्रीट में क्रिसमस की रात इतनी बड़ी संख्या में लोगों को इका होने देने के लिए सरकार और पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। डा हलदर ने कहा, सरकार को सख्त रवैया अपनाना चाहिए था। दिल्ली राज्य सरकार ने सफलतापूर्वक ऐसा किया है, हम इसे आसानी से दोहरा सकते थे। राज्य सरकार ने क्रिसमस और नए साल के दौरान नौ दिनों के लिए रात के कफ्र्यू में ढील दी है।
पीयरलेस अस्पताल के एमडी (फार्माकोलाजी) डा सुभ्रोज्योति भौमिक ने भी कहा, क्रिसमस की रात के दौरान भीड़ के इका होने से पार्क स्ट्रीट पर जो उत्साह देखा गया, उसका दूर-दूर तक असर हो सकता है। हम सभी जानते हैं कि कोविड-19 के अनुचित व्यवहार के कारण मामलों में वृद्धि होती है। कोलकाता के शीर्ष रुमेटोलॉजिस्ट डा श्यामसिस बंद्योपाध्याय ने कहा कि लोगों को लगता है कि महामारी का खतरा समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा, आप सरकार से हर चीज की उम्मीद नहीं कर सकते। अगर इतनी बड़ी संख्या में लोग इक_ा होने लगें तो पुलिस प्रशासन क्या कर सकता है? आप किसी त्योहार के दौरान इतनी बड़ी भीड़ पर लाठीचार्ज नहीं कर सकते।
बंगाल सरकार ने नौ दिनों के लिए दी है रात के कर्फ़्यू में ढील
बता दें कि बंगाल सरकार ने 24 दिसंबर से एक जनवरी, 2022 तक नौ दिनों के लिए रात 11 बजे से सुबह पांच बजे के बीच रात के कर्फ़्यू में ढील देते हुए लोगों और वाहनों की आवाजाही की छूट दी है। हालांकि, रात के प्रतिबंध और अन्य कोविड उपायों को 15 जनवरी, 2022 तक बढ़ा दिया गया है।