कोल इंडिया लिमिटेड का मौजूदा वित्त वर्ष में कोयले की अधिक घरेलू आपूर्ति का लक्ष्य : एसएन तिवारी
इस साल 80-85 मिलियन टन आयातित कोयले के विकल्प की उम्मीद। कोल इंडिया विभिन्न संस्थाओं के लिए कोयले के निरंतर प्रवाह को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध। घरेलू कोयले की कीमत में रॉयल्टी और सेस का 62% हिस्सा। ईंधन खपत में वृद्धि के साथ शिपमेंट 21.5 मिलियन टन बढ़ी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोल इंडिया लिमिटेड का लक्ष्य मौजूदा वित्त वर्ष में अधिक घरेलू आपूर्ति के साथ 80-85 मिलियन टन के आयातित सूखे ईंधन को प्रतिस्थापित करना है। कोल इंडिया के निदेशक (मार्केटिंग) एसएन तिवारी ने कहा-'कंपनी ने तटीय क्षेत्रों में बिजली संयंत्रों से कहा है कि वे अपनी इकाइयों को धीरे-धीरे बढ़ाने के लिए विदेशी मुद्रा विनिमय को कम करने के लिए प्रस्ताव पेश करें। हम इस साल 80-85 मिलियन टन आयातित कोयले के विकल्प की उम्मीद कर रहे हैं। देश ने वित्त वर्ष 2019-20 में 248 मिलियन टन कोयले का आयात किया था, जिसके परिणामस्वरूप विदेशी मुद्रा का लगभग एक लाख करोड़ रुपये का बहिर्वाह हुआ।'
कोयले के निरंतर प्रवाह को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध
उन्होंने आगे कहा-'सरकार को आयातित कोयले पर घरेलू कोयले को आकर्षक बनाने के लिए गुणवत्ता और माल ढुलाई जैसे विभिन्न मामलों में रियायतें देने के प्रस्तावों पर विचार करने की जरुरत है। कोल इंडिया विभिन्न संस्थाओं के लिए कोयले के निरंतर प्रवाह को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसने ग्राहकों के अनुकूल कदम उठाए हैं।'
कीमत में रॉयल्टी और सेस का लगभग 62 प्रतिशत हिस्सा
उद्योग सूत्रों ने बताया कि घरेलू कोयले की कीमत में रॉयल्टी और सेस का लगभग 62 प्रतिशत हिस्सा है, जिसके लिए आयात को तुलनात्मक लाभ मिलता है। सितंबर में देश का कोयला आयात 11.6 प्रतिशत बढ़कर 19.04 मिलियन टन हो गया।
ईंधन खपत में वृद्धि के साथ शिपमेंट 21.5 मिलियन टन बढ़ी
थर्मल पावर प्लांट और अन्य उद्योगों द्वारा ईंधन की खपत में वृद्धि के साथ शिपमेंट अक्टूबर में 21.5 मिलियन टन तक बढ़ गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 18.2 मिलियन टन था। हालांकि, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में कुल कोयला आयात में 18.6 प्रतिशत की गिरावट के साथ 116.81 मिलियन टन की गिरावट देखी गई।