सिगरेट के धुएं से ज्यादा खतरनाक है पूजा की अगरबत्ती, गंध से कैंसर की आशंका
खुशबूदार अगरबत्तियों के इस्तेमाल से इसके धुएं से आपको ब्रोंकाइटिस वोकल कॉर्ड श्वसन क्रिया में तकलीफ के साथ ही फेफड़े व मूत्र मार्ग में कैंसर तक हो सकता है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। अक्सर पूजा पाठ जैसे आयोजनों में खुशबूदार अगरबत्तियां आम होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी हर सुबह को अध्यात्म से भर देने वाली अगरबत्ती से आपको कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है।
अत्यधिक खुशबूदार अगरबत्तियों के इस्तेमाल से अगर आप समय रहते तौबा नहीं करते हैं तो आगे चलकर इसके धुएं से आपको ब्रोंकाइटिस, वोकल कॉर्ड, श्वसन क्रिया में तकलीफ के साथ ही फेफड़े व मूत्र मार्ग में कैंसर तक हो सकता है।
कोलकाता के न्यू गरिया नयाबाद स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस कैंसर अस्पताल के निदेशक आशीष मुखर्जी की मानें तो बिना खुशबू वाली अगरबत्ती की एक या दो काठियों का अगर हम इस्तेमाल करते हैं तो नुकसान की आशंका कम होती है। लेकिन अधिक खुशबू कैंसर का कारक हो सकता है। क्योंकि अक्सर अगरबत्ती को खुशबूदार बनाने के लिए कार्बन कणों का इस्तेमाल किया जाता है और जब हम इन अगरबत्तियों को जलाते हैं तो धुएं के रूप में कार्बन-डाइ-ऑक्साइड उत्सर्जित होता है, जो हमारे फेफड़ों को रोग ग्रस्त बनता है। नतीजतन, कई बार यूरिनरी ब्लैडर पर इसका प्रभाव पड़ता है और लंबे समय तक कार्बन-मोनो-ऑक्साइड ग्रहण करने से श्वासनली धीरे-धीरे कैंसर की चपेट में आ जाती है।
आगे उन्होंने इसके लक्षण को साफ करते हुए कहा कि एक छोटी सी खासी धीरे-धीरे बढ़ने लगती है और खांंसी के साथ खून का आना या पेशाब के रास्ते खून का निकलना भी इसके लक्षण है। ऐसे में हर व्यक्ति को खुशबूदार अगरबत्तियों से बचने की जरूरत है।