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करोड़ों के चिटफंड घोटाले में दो मालिकों के कोलकाता व नैहाटी स्थित ठिकानों पर सीबीआइ की छापेमारी

हजारों करोड़ के सारधा रोजवैली चिटफंड घोटाले की जांच के बीच सीबीआइ बंगाल में चिटफंड मामलों की पड़ताल फिर तेज कर दी है। सीबीआइ टीम ने बुधवार को कोलकाता और उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी में एक चिटफंड कंपनी के मिलकों के घर और कार्यालय पर छापेमारी की

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 06:29 PM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 06:29 PM (IST)
करोड़ों के चिटफंड घोटाले में दो मालिकों के कोलकाता व नैहाटी स्थित ठिकानों पर सीबीआइ की छापेमारी
कोलकाता व नैहाटी स्थित ठिकानों पर सीबीआइ ने की छापेमारी

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः हजारों करोड़ के सारधा, रोजवैली चिटफंड घोटाले की जांच के बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) बंगाल में चिटफंड मामलों की पड़ताल एक बार फिर तेज कर दी है। सीबीआइ टीम ने बुधवार को कोलकाता और उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी में एक चिटफंड कंपनी के मिलकों के घर और कार्यालय पर छापेमारी की और कई दस्तावेज जब्त किए। आरोप है कि मंत्रा ई-सर्विसेज नाम की कंपनी ने विभिन्न परियोजनाओं के नाम पर बाजार से करोड़ों रुपये उगाहे और निवेशकों को रुपये नहीं लौटाए।

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इसके बाद सीबीआइ ने बुधवार को कोलकाता के फर्न रोड और उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी के दो इलाकों में छापेमारी की। मंत्रा ई-सर्विसेज कंपनी के दो प्रमुख सम्राट भट्टाचार्य और प्रियंका भट्टाचार्य के घरों और कार्यालयों में सीबीआइ ने तलाशी ली और कई दस्तावेज जब्त किए।

सीबीआइ ने विधानसभा चुनाव से पहले कोयला और पशु तस्करी की जांच तेज की थी। भाजपा नेता राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल नेताओं पर कोयले और मवेशियों की तस्करी के अवैध व्यापार में शामिल होने का लगातार आरोप लगा रहे थे। चुनाव से पहले कोयला व मवेशी तस्करी मामले की जांच के लिए सीबीआइ तृणमूल नेता व सांसद अभिषेक बनर्जी के घर तक पहुंच गई थी। अभिषेक बनर्जी की पत्नी से पूछताछ की गई थी। हालांकि, तृणमूल ने बार-बार आरोप लगाया है कि सीबीआइ की सक्रियता के पीछे एक राजनीतिक मकसद रहा है। तृणमूल का आरोप रहा है कि सीबीआइ मोदी-शाह के इशारे पर उनके नेताओं और मंत्रियों को परेशान करने की कोशिश करती रही है। मुकुल राय सारधा घोटाले में आरोपित रहें है।

हालांकि भाजपा में रहने के दौरान उन्हें इस मामले में अधिक परेशानी नहीं हुई थी। परंतु, अब मुकुल तृणमूल में लौट हो चुके हैं। ऐसे में राज्य में चिटफंड घोटाले की जांच में सीबीआइ की सक्रियता पर बुधवार को जानकारों ने सवाल करना शुरू कर दिया है कि क्या मुकुल राय की पेरशानी फिर बढ़ेगी? क्या अब सारधा मामले में मुकुल राय को सीबीआइ पूछताछ के लिए बुलाएगी? इस सवाल का जवाब आने वाले समय में मिलेगा।


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