India China Tension कोलकाता में रह रहे चीनी नागरिकों ने चीनी झंडे और चीनी राष्ट्रपति के पोस्टर फूंके
लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में चीन के खिलाफ गुस्सा है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में चीन के खिलाफ गुस्सा है। चारों तरफ लोग चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की मांग कर रहे हैं। वहीं, कोलकाता में दशकों से रह रहे चीनी नागरिकों ने भी अब गलवान घाटी में हुई चीनी सैनिकों की बर्बरता की कड़ी निंदा की है। महानगर में रह रहे चीनी नागरिकों ने भारत को अपना देश बताते हुए कहा है कि भारत को चीन को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। दरअसल, 20 भारतीय सैनिकों की शहादत के विरोध में कोलकाता सहित बंगाल के विभिन्न हिस्सों में चीन विरोधी प्रदर्शन जारी है। बड़ी संख्या में लोग सडक़ों पर उतरकर पिछले 3 दिनों से चीनी सामानों के बहिष्कार का आह्वान कर रहे हैं। लोग चीनी झंडे और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पोस्टर भी फूंक रहे हैं।
इधर, महानगर के टेंगरा इलाके में स्थित चाइना टाउन में रहने वाले चीनी नागरिकों ने कहा कि हमारी 2-3 पीढियां यहीं रहती आई है। करीब 100 साल से हम भारत में हैं। उनका कहना है कि हालांकि वे चीनी हैं लेकिन देश उनका भारत ही है। इसलिए भारतीय जवानों के साथ की गई बर्बरता का चीन को करारा जवाब देना चाहिए। दरअसल, कोलकाता में चाइना टाउन के नाम से चीनियों का इलाका मशहूर है। यहां करीब ढाई हजार चीनी नागरिक रहते हैं।चाइना टाउन में रहने वाले चीनी ली परिवार ने कहा कि भारत हमारा देश है और भारत को चीन को सबक सिखाना चाहिए। यही हम चाहते हैं। ली परिवार की डोरिसा ने कहा कि उसके पूर्वज चीनी थे जिसे कभी नहीं देखा। ली परिवार की तरह टेंगरा में कई चीनी परिवार के पूर्वज पिछले 100 वर्षों से भारत में रह रहे हैं। बता दें कि मुंबई के बाद कोलकाता में सबसे ज्यादा चीनी नागरिक रहते हैं। कोलकाता के खिदिरपुर, धर्मतल्ला, बड़ाबाजार आदि इलाकों में चीनी नागरिकों की दुकानें हैं। इधर, अब जब चीनी सेना के साथ टकराव में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए हैं तो यहां के स्थानीय लोगों की निगाहें इन लोगों पर टेढी हो गई है। पूरे देश में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील हो रही है। ऐसे में ली परिवार को यह भी डर है कि भारतीय चीनी खाद पदार्थों का बहिष्कार कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो उनका संसार कैसे चलेगा इसको लेकर वे चिंतित हैं। चाइनीज फूड का वे धंधा करते हैं। ली परिवार का कहना है कि लॉकडाउन में ढाई माह से धंधा बंद है। एक ओर नौकरी का संकट है और उस पर यह विवाद।
दूसरी ओर, चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। शिवसेना की राज्य इकाई ने साल्टलेक में चीनी वाणिज्य दूतावास के बाहर मार्च निकाला और मोबाइल सहित चीनी उत्पादों को नष्ट किया।शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सरकार ने बताया कि हम चाहते हैं कि भारत सरकार चीनी उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए। चीन में बने उत्पादों का उपयोग करना हमारे जवानों की शहादत का अपमान है। दूसरी ओर, युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मध्य कोलकाता में विरोध रैली निकाली और चीन विरोधी नारे लगाए। उन्होंने चीन में बने उत्पादों के बहिष्कार का भी आह्वान किया।