बाल तस्करी रोकने को राज्यभर में लागू होगी स्वयंसिद्ध योजना
बाल तस्करी पर रोकथाम के लिए दो साल पहले दक्षिण 24 परगना जिले में शुरू की गई स्वयंसिद्ध योजना की सफलता को देखते हुए सरकार ने अब इसे पूरे राज्यभर में लागू करने का फैसला किया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता । बाल तस्करी पर रोकथाम के लिए दो साल पहले दक्षिण 24 परगना जिले में शुरू की गई स्वयंसिद्ध योजना की सफलता को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने अब इसे पूरे राज्यभर में लागू करने का फैसला किया है।
राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि योजना की सफलता को देखते हुए गृह विभाग ने इसे सभी जिलों में लागू करने का निर्देश दिया है। 20 से 30 सितंबर के बीच यह योजना पूरे राज्य में लागू हो जाएगी।
इसके लिए प्रत्येक जिले में मौजूद स्वयंसेवी संस्थाओं, विभिन्न संगठनों, स्कूल-कॉलेजों और अलग-अलग इलाकों में घूम-घूमकर पुलिस की टीम जागरूकता अभियान फैलाएगी। इसमें खासकर महिला पुलिसकर्मियों की बड़ी भागीदारी होगी।
गौरतलब है कि दो साल पहले सर्वप्रथम दक्षिण 24 परगना पुलिस ने बच्चों की तस्करी पर रोकथाम के लिए स्वयंसिद्ध योजना शुरू की थी। दरअसल, इस जिले के कई इलाकों से बड़े पैमाने पर बच्चियों को उठाकर दूसरे राज्यों में बेच दिया जाता था।
इसके बाद जिला पुलिस ने योजना की शुरुआत की थी जिसके जरिए स्कूल-कॉलेजों और विभिन्न इलाकों में घूम-घूमकर बच्चों के अधिकार, सुरक्षा और अन्य कानूनी पहलुओं के बारे में जागरूकता फैलाई गई।
इसके अलावा तस्करी के जरिए देह व्यापार के धंधे में धकेल दी गई लड़कियों के पुनर्वास को लेकर भी जागरूकता और प्रचार-प्रसार अभियान पुलिस ने चलाया। इसका व्यापक असर हुआ और जिले में बच्चियों की तस्करी व्यापक पैमाने पर कम हुई। इसकी सफलता को देखते हुए राज्य सरकार ने इसे पूरे राज्य में लागू करने का फैसला किया।