West Bengal : कोरोना व एपेंडिक्स के दुर्लभ कैंसर से पीड़ित बच्चे को मिली नई जिंदगी
आमरी अस्पताल मुकुंदपुर के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जन उन्नत लैप्रोस्कोपी और जीआइऑन्को सर्जरी में विशेषज्ञ ने बच्चे की सफलतापूर्वक सर्जरी की। उन्होंने बच्चे की बड़ी आंत और छोटी आंत के हिस्से को सफलतापूर्वक हटा दिया। बच्चे की एपेंडिसाइटिस सर्जरी की गई लेकिन अपेंडिक्स की बायोप्सी पर एपेंडिक्स का दुर्लभ कैंसर पाया गया।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोलकाता का अर्घ्य बनर्जी (बदला हुआ नाम) काफी लंबे समय से बुखार और पेट के गंभीर दर्द से पीड़ित था। जांच की गई तब पाया गया कि अर्घ्य कोरोना संक्रमित है तथा छिद्रित एपेंडिसाइटिस से पीड़ित है। बच्चे की एपेंडिसाइटिस सर्जरी सफलतापूर्वक की गई लेकिन अपेंडिक्स की बायोप्सी पर एपेंडिक्स का दुर्लभ कैंसर पाया गया।
आमरी अस्पताल मुकुंदपुर के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जन, उन्नत लैप्रोस्कोपी और जीआइऑन्को सर्जरी में विशेषज्ञ डॉक्टर संजय मंडल ने बच्चे की सफलतापूर्वक सर्जरी की। उन्होंने बच्चे की बड़ी आंत और छोटी आंत के हिस्से को सफलतापूर्वक हटा दिया।
डॉक्टर संजय मंडल ने बताया कि बच्चा बिल्कुल स्वस्थ हैं। सर्जरी के लिए सभी विशेष सावधानी बरती गई ताकि संक्रमण के किसी भी संभावित प्रसार को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि अर्घ्य ने न केवल कोरोना को हराया बल्कि कठिन सर्जरी पर भी विजय प्राप्त की। महामारी से त्रस्त दुनिया के बीच अर्घ्य बनर्जी ने एक नया जीवन प्राप्त किया है।
बताते चलें कि एपेंडिसाइटिस एक ऐसी स्थिति है जहां अपेंडिक्स में सूजन होती है और पेट में दर्द और अन्य लक्षणों के बीच अपच होता है। दुनिया भर में लगभग 6 से 7 प्रतिशत लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं, जिसका मेडिकल टर्म भी अपेंडिक्स वर्मीफॉर्मिस है। परिशिष्ट को हटाने के लिए तुरंत ध्यान और एक आसन्न सर्जरी की आवश्यकता होती है। अपेंडिक्स एक ट्यूब जैसी संरचना होती है, जो टिश्यू से बनी होती है, जहां से बड़ी आंत खत्म होती है। यह आमतौर पर 2 से 4 इंच लंबा होता है।