14 साल की दुष्कर्म पीडि़ता ने जन्मा बच्चा, सुप्रीम कोर्ट का आदेश-84 साल के आरोपित की DNA जांच हो
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोपित 84 साल के बुजुर्ग की डीएनए जांच कराने का आदेश दिया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोपित 84 साल के बुजुर्ग की डीएनए जांच कराने का आदेश दिया है। दरअसल, कोर्ट नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के बाद पैदा हुए बच्चे के पिता का पता लगा रही है। बता दें कि लड़की ने इसी माह पांच जुलाई को एक बच्चे को जन्म दिया है। इस मामले में आरोपित के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने उसके बचाव में कोर्ट से कहा कि शख्स की उम्र 84 साल है और वह यौन और जैविक रूप से यौन गतिविधियों को करने में असमर्थ है।
गौरतलब है कि दुष्कर्म पीडि़ता के नाबालिग होने और एक बच्चे को जन्म देने के बाद से पूरे देश की नजर इस मामले पर है। सोशल मीडिया पर लोग आरोपित को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच दुष्कर्म का आरोप 84 वर्षीय एक बुजुर्ग पर लगा है, जिसके बाद अब उसका डीएनए परीक्षण किया जाएगा। आरोपित के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि शख्स अपनी उम्र और विशेष रूप से कई बीमारियों से पीडि़त है। वहीं, पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपित संभोग करने में सक्षम है। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरोपित बुजुर्ग का डीएनए नाबालिग लड़की के बच्चे के साथ प्रोफाइलिंग और क्रॉस मिलान के लिए लिया गया है। इस बीच सिब्बल ने कोर्ट में जोर देकर कहा कि बुजुर्ग का डीएनए परीक्षण जल्द से जल्द किया जाना चाहिए, क्योंकि वह 12 जुलाई से ही जेल में बंद है जिस कारण उसका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है।
बुजुर्ग का किरायेदार है दुष्कर्म पीडि़ता का परिवार :
बता दें कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए 5 जून को कलकत्ता हाई कोर्ट ने आरोपित की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। अपने बचाव में आरोपित ने कहा कि है कि 14 साल की दुष्कर्म पीडि़ता और उसका परिवार किरायेदार हैं और किराए को लेकर मकान मालिक और उनके बीच में काफि दिनों से विवाद चल रहा है। इस वजह से पीडि़ता के परिवार वालों ने बुजुर्ग पर झूठा आरोप लगाया है। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है और अगली सुनवाई डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद की जाएगी।