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मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय नहीं जाएंगे दिल्ली, ममता बनर्जी के साथ कोलकाता में ही बैठक में लेंगे हिस्सा

ममता बनर्जी ने पीएम मोदी से अनुरोध किया था कि वह मुख्य सचिव के तबादले का आदेश वापस ले लें। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार मुख्य सचिव से बदला लेने की नीति अपना रही। केंद्र इस तरह की बदले की राजनीति कर रही है क्योंकि मुख्य सचिव बंगाली हैं।

By Priti JhaEdited By: Published: Sun, 30 May 2021 03:25 PM (IST)Updated: Sun, 30 May 2021 03:27 PM (IST)
मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय नहीं जाएंगे दिल्ली, ममता बनर्जी के साथ कोलकाता में ही बैठक में लेंगे हिस्सा
मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय के तबादले को लेकर ममता सरकार का केंद्र के साथ टकराव चरम पर

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सूबे के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय के तबादले को लेकर ममता सरकार का केंद्र के साथ टकराव चरम पर पहुंच चुका है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को ही केंद्र से तबादले का आदेश रद करने की मांग की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चक्रवात यास से हुए नकुसान को लेकर बुलाई गई समीक्षा बैठक में सीएम ममता बनर्जी और यहां तक कि मुख्य सचिव के नहीं हाजिर होने को लेकर विवाद गहरा गया है। इसी के बाद केंद्र ने मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय दिल्ली तलब करते हुए 31 मई की सुबह 10 बजे से रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है।

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सूत्रों के अनुसार बंगाल सरकार उन्हें रिलीव नहीं कर रही हैं। वह दिल्ली नहीं जा रहे हैं। वह सोमवार को नबान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे। बैठक में यास चक्रवात और कोरोना महामारी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक के राज्य के विभिन्न विभाग के सचिव भी शामिल होंगे। इससे पहले बंगाल में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से 31 मई खत्म हो रहे लापन बंद्योपाध्याय का कार्यकाल को बढ़ाने का आग्रह किया था, जिसे केंद्र ने मान लिया था और 24 मई को तीन माह के लिए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया है। लेकिन दिल्ली तबादला किए जाने के बाद तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही है। सूत्रों के अनुसार यदि केंद्र ने अपना आदेश वापस नहीं लेता है तो बंगाल सरकार उस आदेश को अदालत में चुनौती दे सकती है।

बता दें कि शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया था कि वह मुख्य सचिव के तबादले का आदेश वापस ले लें। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार मुख्य सचिव से बदला लेने की नीति अपना रही है। केंद्र इस तरह की बदले की राजनीति कर रही है, क्योंकि मुख्य सचिव बंगाली हैं। किसी भी आइएएस अधिकारी के साथ ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।

इसके पहले 10 दिसंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के काफिले पर हमला हुआ था। इस दौरान सुरक्षा का जिम्मा जिन आइपीएस अधिकारियों पर था, उन्हें केंद्र ने प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) पर दिल्ली बुलाने का आदेश जारी कर दिया था, लेकिन ममता ने न सिर्फ इस आदेश को अनसुना कर दिया, बल्कि उन अधिकारियों को न केवल प्रमोशन दिया है, फिलहाल वे अधिकारी विभिन्न पदों पर तैनात हैं। इनमें आइपीएस अधिकारी भोलानाथ पांडे अलीपुरद्वार के एसपी हैं, आइपीएस अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी, डीआइजी (प्रोविजनल) और आइपीएस  राजीव मिश्रा एडीजी एंड आइजी (प्लानिंग) के पद पर तैनात हैं। 


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