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ईद पर रेड रोड पर नहीं होगी सामूहिक नमाज, कार्यक्रमों में 50 से अधिक लोगों के शामिल होने पर लगी रोक

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य सचिवालय नबान्न में विभिन्न धर्म के लोगों सामाजिक सांस्कृतिक व पूजा कमेटियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बंगाल में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ईद पर रेड रोड में सामूहिक नमाज नहीं होगा।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 07:19 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 07:19 PM (IST)
ईद पर रेड रोड पर नहीं होगी सामूहिक नमाज, कार्यक्रमों में 50 से अधिक लोगों के शामिल होने पर लगी रोक
मुख्यमंत्री ने विभिन्न धर्म के लोगों, सामाजिक, सांस्कृतिक व पूजा कमेटियों के प्रतिनिधियों के साथ की जरुरी बैठक

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य सचिवालय नबान्न में विभिन्न धर्म के लोगों, सामाजिक, सांस्कृतिक व पूजा कमेटियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बंगाल में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ईद पर रेड रोड में सामूहिक नमाज नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों से आग्रह किया कि सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हों। बैठक में कोरोना महामारी और इससे संबंधित प्रोटोकॉल के पालन पर जोर दिया गया। ममता ने अगले कुछ दिनों में ईद के मद्देनजर राज्य की जनता से कोरोना गाइडलाइंस को फॉलो करने की अपील की।

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बाहर से आने वालों की कोरोना की जांच जरूरी

ममता ने एलान किया कि राज्य में बाहर से आने वालों (स्पेशल फ्लाइट से आने वाले भी) को आरटीपीसीआर टेस्ट कराना होगा। अगर टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उन्हें क्वारंटाइन में  रहना होगा। सभी के लिए कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करना जरूरी है। उन्होंने मीडिया से भी अपील की कि वे नकारात्मक खबरों की जगह  सकारात्मक खबरें दिखाएं।

इस बीच बंगाल इमाम एसोसिएशन ने मुस्लिम समुदाय से कोरोना के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर ईद की नमाज सामूहिक रूप से अदा नहीं करने की अपील की है। बंगाल में 26 हजार से अधिक मस्जिदों का प्रतिनिधित्व करने वाले एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद याहया ने कहा-' कोविड-19 संबंधी नियमों का पालन करते हुए बहुत छोटे समूह में नमाज अदा की जानी चाहिए।मौजूदा हालात के चलते देश की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था गंभीर संकट में है। हमें सावधानी बरतते हुए नमाज के दौरान लोगों को जमा नहीं होने देना चाहिए। अगर हम धैर्य रखें और कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रत्येक जरूरी पाबंदी का पालन करें तो तीसरी लहर को आने से रोक सकते हैं। ईद-उल-फितर 13 या 14 मई को मनाई जाएगी। 


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