Move to Jagran APP

कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अब 'माय लॉर्ड' या 'लॉर्डशिप' नहीं, कहे जाएंगे सर

बंगाल के जिला न्यायालय और रजिस्ट्री स्टाफ अब कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को माय लॉर्ड या लॉर्डशिप नहीं कहेंगे।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 06:21 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 06:21 PM (IST)
कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अब 'माय लॉर्ड' या 'लॉर्डशिप' नहीं, कहे जाएंगे सर
कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अब 'माय लॉर्ड' या 'लॉर्डशिप' नहीं, कहे जाएंगे सर

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल के जिला न्यायालय और रजिस्ट्री स्टाफ अब कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को 'माय लॉर्ड' या 'लॉर्डशिप' नहीं कहेंगे। अब इन लोगों को चीफ जस्टिस को सर (श्रीमान) कहकर संबोधित करना होगा। ऐसा आदेश खुद कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टीवीएस राधाकृष्णन ने जारी किया है।

loksabha election banner

अगर ऐसा है होता है तो डेढ़ सौ साल पुरानी परंपरा बदल जाएगी। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने सभी जिला न्यायालयों और मुख्य जजों को ईमेल भेजकर यह जानकारी दी है। उनके ईमेल में लिखा है कि चीफ जस्टिस ने खुद फैसला लिया है कि उन्हें 'माय लॉर्ड' या 'लॉर्डशिप' कहकर न पुकारा जाए, उन्हें सर कहा जाए। ईमेल में लिखा है, 'चीफ जस्टिस की इच्छा है कि उन्हें जिला न्यायाधीश, रजिस्ट्री से संबंधित सदस्य और न्यायालयों से जुड़े सभी सदस्य अब सर कहें। वह नहीं चाहते हैं कि उन्हें 'माय लॉर्ड' या 'लॉर्डशिप' कहा जाए। इस तरह के संबोधन के दौरान न्यायिक और प्रशासनिक परंपराओं का निर्वाह किया जाएगा।

ब्रिटिश काल में आए थे ये शब्द

कोलकाता के कुछ कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इन शब्दों का संबोधन ब्रिटिश राज में शुरू किया गया था। इन शब्दों को हटाना ब्रिटिश राज खत्म होने का एक उदाहरण है। न्यायालय के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, '2014 में भारत के तत्कालीन चीफ जस्टिस एचएल दत्तू ने भी इसी तरह कहा था। उन्होंने कहा था कि क्या लॉर्डशिप और माय लॉर्ड कहना जरूरी है?

आप हम लोगों को अन्य गरिमापूर्ण तरीके से संबोधित कर सकते हैं। यह एक सही दिशा में और अच्छी पहल है। इसे हर हाई कोर्ट में लागू होना चाहिए।' हालांकि, कई दशकों से कार्य करने वाले अधिवक्ताओं का कहना है कि हमलोग जब से कोर्ट में मुकदमा लड़ना शुरू किया है तब से लेकर अब तक 'माय लॉर्ड' या 'लॉर्डशिप' ही कहते आ रहे हैं। परंतु, अब सर कहने को कहा गया है तो इसे आदत में शुमार करने में वक्त लगेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.